राजगढ़। खुद टूटकर भी जिस राम ने सबको जोड़े रखा, आज उसी राम के नाम पर लोग टूट रहे हैं या लोगों को तोड़ने का काम कर रहें हैं, लेकिन राजगढ़ निवासी फारुख खान राम की मर्यादा के इस कदर मुरीद हुए कि फारुख खान से फारुख रामायणी बन गए और गंगा-जमुनी संगम की मिसाल बन गए हैं. जिनमें भारत की असली छवि नजर आती है. फारुख रामायणी पिछले 35 साल से रामकथा करते आ रहे हैं बल्कि प्रवचन के साथ-साथ उन्होंने रामायण के ऊपर भी कई लेख लिख चुके हैं.
फारूख रामायणी बताते हैं कि वो पांच वक्त की नामाज अदा करना भी नहीं भूलते और लोगों को जोड़ने के लिए रामकथा भी करते है. फारुख रामायणी जहां भी रामकथा करते हैं, वहां हर रोज सैकड़ों लोग पहुंचकर रामकथा का भरपूर आनंद उठाते हैं. यही वजह है कि फारुख खान रामायणी को फारुख रामायणी के नाम से पुकारा जाता है.
फारुख खान सद्भावना की पेश कर रहे मिसाल मुस्लिम परिवार में जन्मे फारुख खान रामायण में इस कदर रमे कि फारुख रामायणी बन गए. उनके रामायण कथा करने के अलग अंदाज के चलते सुनने के लिए हजारों की भीड़ उमड़ आती है. फारुख रोजाना घंटों रामायण का पाठ करते हैं. वेद, गीता सहित तमाम ग्रंथों पर धारा प्रवाह बोलते हैं, लेकिन कभी भी अपनी पांच बार की नमाज को भी नहीं भूलते हैं. अब तक मध्यप्रदेश ही नहीं महाराष्ट्र, नागपुर तेलंगाना सहित कई हिस्सों में रामकथा कर चुके हैं. उन्हें कई बार इस सद्भावना के लिए अनेक प्रशस्ति पत्रों से नवाजा जा चुका है.
गंगा-जमुनी तहजीब का चेहरा फारुख रामायणी कैसे शुरू हुआ यह सफर
फारुख रामायणी इस बारे में बताते हैं कि उनके गांव गुनियारी में जब भी सुंदरकांड का पाठ होता था तो वो वहां बैठा करते थे और घंटों प्रवचन सुनते थे. जब एक बार गायत्री परिवार के संस्थापक सदस्य आचार्य श्रीराम शर्मा का सम्मान नरसिंहगढ़ में किया गया, तब ही उन्होंने जीवन में ऐसा कुछ बनने का सोच लिया था. तब से उन्होंने अपने जीवन में बदलाव की शुरुआत की. फारुख बताते हैं कि उन्होंने राजगढ़ जिले के पचोर में पहली राम कथा 24 साल में की थी. तब से लेकर आज तक वो रामायण का पाठ करते आ रहे हैं.
कैसे फारुख खान बने फारुख रामायणी
इस बारे में फारुख बताते हैं कि उनके गुरु पंडित लक्ष्मी नारायण शर्मा उनसे काफी प्रभावित हुए और उन्होंने उनको रामायणी के खिताब से नवाजा और उनको फारुख रामायणी के नाम से विख्यात किया, वहीं फारुख रामायणी अपनी रामकथा से अनेक लोगों को प्रभावित कर चुके हैं और लगातार प्रभावित कर रहे हैं.