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फीस नहीं जमा करने पर पैरामेडिकल कॉलेज के छात्रों को क्लास करने से रोका, अब तक नहीं मिला है स्कॉलरशिप - छात्रों को क्लास करने से रोका

मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में सारंगपुर के पैरामेडिकल कॉलेज के छात्र और छात्राएं स्कॉलरशिप नहीं मिलने से कॉलेज की फीस नहीं जमा नहीं कर पाये हैं. अब कॉलेज ने उन्हे क्लास करने से रोक लिया है.

पैरामेडिकल कॉलेज के छात्रों को क्लास करने से रोका

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Published : Aug 7, 2019, 6:24 AM IST

राजगढ़। सारंगपुर गांव के पैरामेडिकल कॉलेज के छात्र स्कॉलरशिप नहीं मिलने के कारण अपनी फीस नहीं भर पाये हैं. फीस नही जमा करने पर कॉलेज ने उन्हे कक्षाओं में जाने से मना कर दिया है. अपनी इस समस्या को लेकर छात्र कलेक्टर के पास पहुंचे और बताया कि पिछले सत्र से स्कॉलरशिप नहीं मिली है, लिहाजा वे फीस नहीं जमा कर पाये हैं. वहीं स्कॉलरशिप नही मिलने 64 बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है.

फीस नहीं जमा करने पर पैरामेडिकल कॉलेज के छात्रों को क्लास करने से रोका

पैरामेडिकल कॉलेज के छात्र और छात्राओं ने कलेक्टर से मदद की गुहार लगाई है. उन्होनें बताया कि स्कॉलरशिप नहीं मिलने के कारण कॉलेज की फीस जमा नहीं कर पाए हैं. फीस जमा ना कर पाने के कारण छात्रों को कॉलेज प्रशासन ने क्लास तक में जाने से मना कर दिया है. छात्रों ने कलेक्टर को आवेदन देकर जल्द से जल्द स्कॉलरशिप दिलवाने की बात कही है.
कॉलेज की एक छात्रा ने बताया कि हमारी स्कॉलरशिप अभी तक नहीं आई है, जिसके वजह से हमें कक्षाओं में जाने से रोक दिया गया है. इस संबंध में हमने पूर्व एसडीएम और सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करवा चुके हैं लेकिन अब तक कोई निराकरण नहीं हो पाया है. आज हम कलेक्टर के समक्ष अपनी शिकायत लेकर पहुंचे हैं कि हमारी स्कॉलरशिप जल्द से जल्द जमा करवाई जाए. उन्होंने बताया कि 22 बच्चे ओबीसी के और 42 बच्चे एससी-एसटी वर्ग के हैं जिनकी स्कॉलरशिप अभी तक नहीं आई है.

छात्रवृत्ति जारी करने वाले निरीक्षक एसएस राठौर ने बताया कि जो पैरामेडिकल के बच्चे आए थे इनकी 2017-18 सत्र के स्कॉलरशिप बाकी है. इनका रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन 2018- 19 में किया गया है, वहीं 2018- 19 में शासन की दर चेंज हो गई है और छात्रों को राशि 2017-18 के अनुसार दी जानी है. इसकी ऑफलाइन स्वीकृति कलेक्टर के द्वारा लेकर आज या कल इन छात्रों की छात्रवृत्ति जारी कर दिया जाएगा. शासन द्वारा देरी से दिए गए रिजल्ट को कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि इसमें ना छात्र की गलती है ना प्रशासन की गलती बल्कि इसमें रिजल्ट की देरी से आने की वजह से ऑनलाइन प्रक्रिया में यह लेटलतीफी हुई है.

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