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कोरोना काल में कैमरामैन हुए बेरोजगार, सरकार से लगाई मदद की गुहार

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Published : Jun 21, 2020, 3:22 AM IST

शादियों के सीजन में लाखों रुपए की इनकम करने वाले कैमरामैन इस बार लॉकडाउन और कोरोना संकट की वजह से पाई- पाई को मोहताज हो गए हैं. जिनके सामने अब रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. रोजगार न मिलने की वजह से कैमरामैन अब दूसरा काम ढूढ़ रहे हैं. जबकि उन्होंने सरकार से मदद की गुहार भी लगाई है.

Cameraman's employment stalled
कैमरामैन का रोजगार हुआ ठप

राजगढ़। शादियों के सीजन में लाखों रुपए की इनकम करने वाले कैमरामैन कोरोना के चलते बेरोजगार हो गए हैं. राजगढ़ जिले में कुछ कैमरामैनों ने रोजगार नहीं मिलने के कारण अपना पेशा ही बदल दिया है और वे सब्जी बेच रहे हैं. जो कैमरामैन शादियों में काम करके लाखों रुपए कमाते थे, आज उनकी हालत खस्ता हो चुकी है.

शादियों के सीजन में लाखों रुपए कमाने वाले कैमरामैन का लॉकडाउन के चलते रोजगार ठप हो गया है

जहां इस बार कोरोना महामारी के वजह से भारत सरकार ने लॉकडाउन चार चरणों में लगाया था और इसी दौरान जहां गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए अनेक नियमों से होकर लोगों को गुजरना पड़ा है और अनलॉक 1.0 में कई नियम अभी भी लागू हैं. जिनमें ज्यादा एक जगह ज्यादा लोग एकत्रित ना हों, इसके लिए ना सिर्फ अंतिम संस्कार की प्रक्रिया से लेकर शादियों में भी गृह मंत्रालय द्वारा निर्देश जारी किए गए थे, वहीं गृह मंत्रालय द्वारा जहां शादियों के लिए अलग-अलग लॉकडाउन के चरणों में अलग-अलग नियम बनाए गए थे.

लॉकडाउन के चरणों में पहले 5 लोगों को शादी में आने की अनुमति थी और इसमें धीरे-धीरे बढ़ोत्तरी करते हुए अब जहां 50 लोगों की अनुमति दी गई है, लेकिन इन नियमों के बीच में जहां शादी की प्रक्रिया में कई लोगों को रोजगार उपलब्ध होता था और शादियों में कैमरामैन की भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण होती थी और हर साल जहां ये कैमरामैन शादियों से हजारों रूपए की कमाई कर लेते थे.

सीजन में नहीं हुई कमाई

शादियों में वीडियोग्राफी करने वाले कैमरामैन संतोष शर्मा बताते हैं कि वह हर साल देवउठनी ग्यारस के बाद से लगभग 55 से 60 शादियों के फोटो शूट की जिम्मेदारी लेते थे और मार्च में जहां उनका मुख्य सीजन हुआ करता था, जिसमें मार्च से लेकर जून तक लगभग 40 शादियों में फोटो शूट करते थे, इस दौरान वे लगभग 10 से 12 लाख रुपए कमाते थे. वहीं उनके साथ जहां चार अन्य लोग भी काम किया करते थे, जिनका रोजगार और घर परिवार भी उनके इन शादियों में किए गए फोटो शूट के द्वारा चलता था.

कोरोनावायरस महामारी की वजह से सरकार द्वारा पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया था, जिसके वजह से लोगों ने ना सिर्फ अपनी शादी कैंसिल कर दीं, वहीं जो शादियां संपन्न हुईं, उनमें भी कई बार तो फोटोग्राफर को बुलाया ही नहीं गया और इस बार उनकी इनकम सिर्फ कुछ हजारों रुपए में ही सिमट कर रह गई है. जिससे ना सिर्फ उनको आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है, बल्कि पूरे साल का खर्चा भी उनका इन्हीं शादियों पर निर्भर होता था, लेकिन अब इन लोगों के सामने जीवन यापन का भी संकट आ गया है.

उनके कई साथी इस समय आर्थिक तंगी से भी गुजर रहे हैं, जहां उनके कई साथियों ने सब्जी का व्यवसाय शुरू कर दिया है और वहीं उनके कुछ साथियों ने मार्च से जून तक होने वाले सीजन के लिए बैंक और साहूकारों से कर्ज लिया था, लेकिन वे उनकी किस्तें भी जमा नहीं करवा पा रहे हैं.

इस बारे में एक और कैमरामैन महेंद्र मेरोठा बताते हैं कि इस बार के सीजन के लिए और आने वाले सीजन के लिए उन्होंने काफी तैयारियां की थीं लेकिन लॉकडाउन के चलते कई लोगों ने अपनी शादियां कैंसिल कर दीं और कई शादियां इस बार संपन्न तो हुईं लेकिन उन लोगों ने फोटो शूट के लिए किसी भी कैमरामैन को नहीं बुलाया. अब उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

स्कूल और कई सरकारी कार्य भी रहे बंद

लॉकडाउन के दौरान स्कूल कॉलेज और सरकारी दफ्तर बंद रहे, जहां कई कार्यों में फोटोग्राफर की आवश्यकता होती है, चाहे वह पासपोर्ट फोटो बनाने के लिए हो या फिर किसी का फोटो खींचने के लिए हो, इस तरह यह कार्य भी बंद होने से उनके इस माध्यम से भी किसी भी प्रकार की आमदनी नहीं हुई है. जिससे उनका रोजगार बुरी तरह से पिटा है.

सरकार से है मदद की उम्मीद

ज्यादातर कैमरामैन जहां एक मध्यम परिवार से ताल्लुक रखते हैं. सरकार जहां गरीब परिवारों की तो काफी कुछ मदद कर रही है, लेकिन मध्यम परिवार के लोगों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा है. जहां देव सोनी ग्यारस के बाद से आने वाले 4 महीने में उनको रोजगार की काफी कमी रहेगी, तो ये कैमरामैन चाहते हैं कि सरकार उनको या तो किसी प्रकार का रोजगार उपलब्ध करवा दे, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में थोड़ी मदद मिल सके या फिर कोई सरकारी काम में उनके इस हुनर का इस्तेमाल करे, जिससे कुछ पैसों की मदद उनको मिल सके.

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