राजगढ़। मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध सिद्ध पीठों में से एक माता जालपा का मंदिर ना सिर्फ राजगढ़ जिले में बल्कि, पूरे मध्यप्रदेश और राजस्थान में काफी प्रसिद्ध है. मध्य प्रदेश में जालपा माता मंदिर की स्थापना भील राजाओं के द्वारा लगभग 900 से 1100 साल पहले की गई थी. भीलों के द्वारा की गई स्थापना के बाद मंदिर कई सालों तक जंगलों के बीच में पहाड़ी पर चबूतरे पर मां का निवास था, और मां की पूजा सिर्फ भीलों के द्वारा की जाती थी, इसी दौरान राजगढ़ विरासत के शासक जंगलों में शिकार करने के लिए गए थे तभी उनको माता के दर्शन हुए थे और उन्होंने जालपा माता के मंदिर का जीर्णोद्धार शुरू करवाया था.
होते हैं यहां कई चमत्कार
बताते हैं कि यहां पर जो भी सच्चे मन से मुराद मांगी जाती है वह पूरी हो जाती है, यहां पर कई बार आसपास के लोग बताते हैं कि शेर की दहाड़ सुनाई देती है, तो वही अपने आप माता के यहां पर नारियल का चढ़ावा मिलता है, जालपा माता के सेवक और जानकार अशोक कुमार द्विवेदी बताते हैं कि मां यहां पर ज्वाला के रूप में उपस्थित है और कई बार इस पहाड़ी पर अपने आप आग लग जाती है और वहां अपने आप ही शांत भी हो जाती है.
यहां होती है हर मुराद पूरी
यहां के सेवक बताते हैं कि जब किसी की भी मुराद पूरी हो जाती है तो वह मुराद मांगने से पहले उल्टा साथिया बनाता है और वही मुराद पूरी होने के बाद उस साथिया को सीधा बनाता है. यहां पर कई लोग इसके अलावा धागा बांधने और अन्य तरह का चढ़ावा भी चढ़ाते हैं. यहां कई लोग मुराद पूरी होने पर चांदी का साथिया भी चढ़ाते हैं. कुछ लोग यहां पर बच्चों की मन्नत भी मांगते हैं और जब उनके घर में बच्चे जन्म लेते हैं तब वे यहां पर उनको लेकर आते हैं और पूजन पाठ करने के पश्चात पर घंटियां बांधकर अपनी मुराद पूरी करते हैं.