रायसेन। उदिता योजना के तहत महावारी स्वच्छता एवं प्रबंधन विशेष रुप से कपड़े के रियुसेबल सैनिटरी नैपकिन हाथ से बनाने का प्रशिक्षण महिलाओं और बालिकाओं को ऑनलाइन दिया जा रहा है. इस दौरान दीवानगंज सेक्टर की अलग-अलग आंगनबाड़ी केंद्रों पर किशोरी और बालिकाओं को प्रशिक्षण दिया गया.
रियुसेबल सैनिटरी नैपकिन बनाने का प्रशिक्षण
प्रशिक्षण में बताया गया है कि माहवारी के दौरान नैपकिन की तरह सूती कपड़ा या नैपकिन इस्तेमाल किया जाना चाहिए. इस्तेमाल किए हुए पैड और कपड़े को दिन में तीन से चार बार बदलना आवश्यक है. इस साथ ही बताया गया कि भोजन में किशोरियों को पोषण तत्वों को शामिल करना कितना आवश्यक है. महावारी के दौरान अनाज और दालों फल आदि भी खाते रहना चाहिए. माहवारी के दौरान होने वाली परेशानियों पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि इस समय थकान होना, चिड़चिड़ापन सिरदर्द आदि परेशानी है. इससे बचने के लिए योग व्यायाम संतुलित आहार लेना आवश्यक है. वहींं इस दौरान संक्रमण से बचाव के लिए स्वच्छता बहुत जरूरी है. साथ ही अपने अंदर आत्मविश्वास को भी जगाने भी जरूरी है.
15 जनवरी तक चलेगा कार्यक्रम
सफाई पर किशोरियों को जानकारी देते हुए बताया कि शौच जाने के बाद और भोजन से पहले हमेशा साबुन से हाथ धोना चाहिए. प्रतिदिन स्नान करना भी आवश्यक है. सोने से पहले और सुबह उठकर अच्छी तरह से हाथ मुंह धोना चाहिए. बालों और नाखूनों की सफाई भी आवश्यक है. प्रशिक्षण में किशोरी बालिकाओं को घर में सूती कपड़े से सेनेटरी नैपकिन बनाने का भी प्रशिक्षण दिया गया. महिला एवं बाल विकास परियोजना सांची दीवानगंज सेक्टर सुपरवाइजर नीता अहिरवार ने कार्यक्रम के दौरान सेक्टर की सभी आंगनबाड़ी केंद्रों की मानिटरिंग की. कार्यक्रम दीवानगंज अंबाडी मुस्काबाद भवर खेड़ी गद्दी कराड जमुनिया सहित सेक्टर की सभी आंगनबाड़ियों पर किया गया. आंगनबाडी केन्द्रों पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कपड़े के सुविधाजनक रियुसेबल सैनेटरी नैपकिन बनाने का प्रशिक्षण 30 दिसंबर से 15 जनवरी 2021 तक जिले की सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर दिया जाएगा.