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परिवार के साथ अगर एंजॉय करना चाहते हैं नया साल...तो MP के इस पर्यटक स्थल पर करें धमाल, सैलानियों के लिए है खास - MP Tourist Place Raisen

New Year 2023: अगर आप छुट्टियों को अपने परिवार के साथ एंजॉय करने के लिए अच्छे पर्यटन स्थल की तलाश कर रहे हैं, जो आपकी विरासत और देश की सभ्यता से भी जुड़ा हो. जहां जाने से आपका नया साल का अनुभव अच्छा हो और आपके बच्चों को अपने इतिहास के बारे में जानने को भी मिले. तो आपके लिए मध्य प्रदेश का रायसेन जिला बेहतर जगह हो सकता है. यहां विश्व के महत्पूर्ण वर्ल्ड हेरिटेज टूरिस्ट स्थल है.

Sanchi Buddhist Stupa
सांची बौद्ध स्तूप

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Published : Dec 30, 2022, 10:48 PM IST

Updated : Dec 30, 2022, 11:10 PM IST

रायसेन। नए वर्ष पर जिले में आने वाले पर्यटकों को लुभाने के लिए रायसेन जिले में स्थित पर्यटन स्थलों को सजाया गया है. साथ ही पर्यटकों के लिए विशेष इंतजाम भी इन स्थलों पर किए जा रहे हैं. रायसेन के कई पर्यटक स्थल पहले से पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए है. वर्ष 2022 की समाप्ति और वर्ष 2023 के स्वागत में लगे हुए पर्यटन स्थलों और यहां पर आने वाले पर्यटकों के स्वागत के लिए की जाने वाली तैयारियों के साथ हम जिले में स्थित विश्व धरोहरओं, पर्यटन स्थलों के महत्व पर चर्चा करेंगे जहां पर पर आप अपने हॉलिडे को एंजॉय कर नए वर्ष का पहला दिन यादगार बना सकते हैं

MP का पर्यटक स्थल
सैलानियों के लिए खास है MP का यह पर्यटक स्थल

यहां मिलेगा अनोखा अनुभव: मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित प्राचीन सांची बौद्ध स्तूप जिसे महान सम्राट अशोक ने बनबाया था. जो आज वर्ल्ड हेरिटेज की लिस्ट में लिस्टेट है. इसके साथ ही आदिमानबों के समय की बनी हुई हजारों वर्ष पुरानी भीमबेटका की गुफाओं में घूम कर आप अपने नये साल को एंजॉय कर सकते हैं. इसके साथ ही रायसेन के भोजपुर में बना प्राचीन भोजपुर महादेव का शिव मंदिर पर विश्व का एकमात्र सबसे बड़ा शिवलिंग स्थित है. जिसे एक ही पत्थर से बनाया गया है. इसे देखना आपके लिए एक अनोखा अनुभव साबित हो सकता है. चलिए जानते है इन पर्यटन स्थलों के बारे में और यहां हो रही नये वर्ष के स्वागत की तैयारियों के बारे में.

सैलानियों के लिए खास है MP का यह पर्यटक स्थल

पर्यटकों की संख्या का आकलन करना मुश्किल:भारत के महान चक्रवती सम्राट अशोक ने सांची स्थित बौद्ध स्तूप का निर्माण तीसरी शताब्दी के लगभग प्रारम्भ कराया था. स्तूप में महात्मा बुद्ध के शिष्य सारिकपुत्र और महामोद गलयन के अस्थि कलास मौजूद है. यहां स्थल बौद्ध अनुयायियों के लिए आस्था का केंद्र है. यहां की सुंदरता और को दिखा के कारण प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. बात अगर नहीं बस या किसी विशेष अवसर की की जाए तो यहां पर आने वाले पर्यटक की संख्या का आकलन करना मुश्किल है. प्रदेश की राजधानी भोपाल से महज 44किलोमीटर दूर बसें हुए इस स्थल पर पर्यटक के आने रुकने और खाने के लिए पर्यटन विभाग ने पहले से बेहतर इंतजाम किए साथ ही पर्यटको की सुरक्षा के लिए भी पुलिस जवानों को भी तैनात किया गया है.

सैलानियों के लिए खास है MP का यह पर्यटक स्थल
सैलानियों के लिए खास है MP का यह पर्यटक स्थल

पर्यटकों को आकर्षित करती प्राचीन सभ्यता:अब्दुल्लागंज की पहाड़ियों पर बनी पाषाण काल की यह प्राचीन गुफाए लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र मानव के प्रारंभिक जीवन और रहन-सहन की जानकारी देती हैं. इन गुफाओं पर चित्रित प्राचीन कलाकृति भी अपने आप में एक अलग अनुभव पर्यटक को प्रदान करती हैं. हाल ही में भीम बेटिका की गुफाओं में 10 हज़ार वर्ष पुरानी फोसील की खोज की गई है. यहां स्थल विश्व पर्यटन स्थल और वर्ल्ड हेरिटेज साइट की सूची में लिस्टेड है. पर्यटकों के लिए बेहतर आवागमन की सुविधा के साथ यहां पर अद्भुत प्राकृतिक नजारे भी यहां आने वाले पर्यटक देख सकते हैं. इस पर्यटन स्थल से ही लगा हुआ रातापानी वन्य अभ्यारण है. यहां पर पर्यटक अपने परिवार के साथ जंगल सफारी का आनंद ले सकते हैं.

सैलानियों के लिए खास है MP का यह पर्यटक स्थल

हजारों साल पुराने शैलचित्रों के लिए प्रसिद्ध भीमबेटका की गुफाएं, दुनियाभर से आते हैं सैलानी

विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग:भोजपुर स्थित भोजेश्वर महादेव के विशाल शिवलिंग का दर्शन कर आप अपने परिवार के साथ नए वर्ष की शुरुआत कर सकते हैं. प्राचीन शिव मंदिर के मध्य में बने हुए विशाल शिवलिंग को एक ही पत्थर से बनाया गया है. प्रकृति की गोद में बसा हुआ यह मंदिर नर्मदा नदी के तट पर है. यहां हजारों की संख्या में भक्तों के साथ पर्यटक प्रतिदिन आते रहते हैं. नए साल में अपने परिवार के साथ भगवान शिव के दर्शन करना, रमणीक स्थल का भ्रमण करना पर्यटकों के लिए एक अलग अनुभव प्रदान करने वाला है. पर्यटन विभाग ने यहां पर पहले से बेहतर इंतजाम किए हुए हैं. प्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर यह रमणीक स्थल स्थित है. जिसे राजा भोज ने अपने शासनकाल में बनवाया था.

Last Updated : Dec 30, 2022, 11:10 PM IST

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