रायसेन। मध्यप्रदेश सरकार किसानों के हित के लिए कितने भी प्रयास कर ले, पर मंडी सचिव करुणेश तिवारी कमलनाथ सरकार के अरमानों पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं, जिससे किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिले में धान खरीदी सबसे ज्यादा होती है. यहां अन्य जिलों से किसान अपनी धान बेचने आते है. किसानों की फसल सरकारी मूल्य से भी कम कीमत में यानि 1100-1200 रुपये क्विंटल में खरीदी जा रही है, जबकि मध्यप्रदेश में धान का सरकारी मूल्य 1700 रुपये बताया जा रहा है.
मंडी में सरकारी मूल्य से कम दाम में खरीदा जा रहा धान, किसानों को नहीं मिलती मूलभूत सुविधाएं - Market Secretary Karunesh Tiwari
कमलनाथ सरकार भले ही किसानों की मदद के लाख कोशिश करे, लेकिन जिम्मेदार सरकार के अरमानों पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं.
![मंडी में सरकारी मूल्य से कम दाम में खरीदा जा रहा धान, किसानों को नहीं मिलती मूलभूत सुविधाएं Farmers are not getting basic facilities](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-5177092-thumbnail-3x2-img.jpg)
किसानों को नहीं मिल रही मूलभूत सुविधाएं
किसानों को नहीं मिल रही मूलभूत सुविधाएं
सुविधाओं के अभाव मेंकिसान
- मंडी में किसानों को पीने के पानी की व्यवस्था नहीं
- मंडी में बैठने के लिए दूर-दूर तक छाया नहीं मिलती
- सर्द रात में किसानों के रुकने के लिए कोई सुविधा नहीं
- मंडी में शौचालय तक की व्यवस्था नहीं
मंडी में रोजाना 500-800 ट्राली धान पहुंच रहा है. हर एक ट्राली से दो-तीन किलो धान निकालने से मंडी कर्मचारियों और मंडी सचिव करीब 10-15 क्विंटल धान रोजाना बचा रहे हैं, जिसका किसानों को कोई भुगतान नहीं किया जाता है. मंडी सचिव करुणेश तिवारी का कहना है कि मंडी में हर तरह की सुविधा किसानों को मुहैया कराई जा रही है, जबकि किसानों का कहना है कि मंडी सचिव अपने चेंबर से बाहर ही नहीं निकलते. व्यवस्थाओं के नाम पर कुछ नहीं दिया जा रहा है.
Last Updated : Nov 26, 2019, 11:43 AM IST