रायसेन।जिले के बेगमगंज के उमरहारी गांव में एक किसान के दोनों बेटे पिता की मदद के लिए बैल की जगह खुद हल बनकर जुताई करने को मजबूर हैं. आर्थिक तंगी के चलते किसान बैल नहीं खरीद सकता इसलिए उसके बेटे ऐसा करने को मजबूर हैं.
बैल की जगह बेटे चलवा रहे हल, गरीबी की मार झेल रहा यह किसान - किसान रविंद्र कुशवाहा
रायसेन के उमरहारी गांव में एक किसान रविंद्र कुशवाहा के दोनों बेटे पिता की मदद के लिए बैल की जगह खुद हल बनकर जुताई करने को मजबूर हैं.
पिता हल संभाल कर भूमि को बोवनी के लिए तैयार करता है, वहीं बेटे हल के आगे खड़े होते हैं. एक बेटा 11 वहीं दूसरा 13 साल का है. दोनों बच्चे अपनी पढ़ाई भी करते हैं. साथ ही दोनों बेटे पिता की मदद भी करते हैं.
किसान रविंद्र कुशवाहा काफी समय से पेट की गंभीर बीमारी से परेशान है. ऐसे में उसके पास इलाज के लिए पैसे नहीं हैं, फिर वह बैल कैसे खरीदे. किसान रविंद्र कुशवाहा की यह स्थिति केंद्र और राज्य सरकार की किसानों के नाम पर चलाई जा रही योजनाओं की पोल खोल रही है.