रायसेन। 40 वर्षीय दिव्यांग घर-घर जाकर फ्यूज बल्ब को खरीदते हैं और फिर उसे ठीक करके बेच देते हैं, इस तरह प्रतिमाह 3 से 5 हजार रुपए तक की कमाई करते हैं.
हुनर को सलाम: मूक बधिर दिव्यांग ने खोजा रोजगार, साथ ही देते हैं बिजली बचाने का संदेश - फ्यूज
रायसेन में एक 40 वर्षीय दिव्यांग घर-घर जाकर फ्यूज बल्ब को 10-20 रुपये में खरीदते हैं और उन्हें ठीक कर 30 से 50 में बेच कर प्रतिमाह 3 से 5 हजार तक कमाते हैं और साथ ही बिजली बचाओ का संदेश देते हैं.
वही बता दें कि लगातार बिजली के भारी बिल से परेशान उपभोक्ता घरों में सीएफएल बल्ब उपयोग करते हैं, जिन्हें खराब होने पर फेंक दिया जाता है लेकिन अब इन्हें फेंकने की जरूरत नहीं है. जिले के उदयपुरा में रहने वाले एक 40 वर्षीय अंजनी शर्मा उन बल्बों को पुनः जलने लायक बना देते हैं.
अंजनी शर्मा सुबह अपनी ट्राई सायकिल पर घर-घर जाकर फ्यूज बल्ब को 10-20 रुपये में खरीदते हैं और उन्हें ठीक कर 30 से 50 में बेच कर प्रतिमाह 3 से 5 हजार तक कमाते है. अंजनी शर्मा दिव्यांग और गूंगे और बहरे होते हुए भी बिजली बचाओ का संदेश दे रहे हैं और साथ ही यह बिजली बचाने के लिए सीएफएल बल्ब उपयोग करने के अपने अंदाज में बयान करते हैं और अपने पिता का सहयोग करते हैं.