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एनजीटी की रोक के बाद भी नर्मदा से हो रहा रेत खनन, रास्ता बंद होने से ग्रामीणों ने किया हंगामा - एनजीटी की रोक

रायसेन जिले में एनजीटी (शनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) की रोक के बाद भी नर्मदा के घाटों में रेत का उत्खनन लगातार जारी है. रेत ठेकेदार बेखौफ होकर पोकलेन के माध्यम से से रेत का खनन करवा रहा है. पढ़िए पूरी खबर...

Villagers created ruckus due to the closure of the road due to sand mining
एऩजीटी की रोक के बाद भी हो रहा रेत का खनन

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Published : Jun 27, 2020, 4:47 AM IST

रायसेन। जिले में एनजीटी की रोक के बाद भी नर्मदा के घाटों में रेत का उत्खनन लगातार जारी है. रेत ठेकेदार बेखौफ होकर पोकलेन मशीन के माध्यम से से रेत का खनन करवा रहा है. वहीं एक दिन पहले कार्रवाई की भनक लगने के बाद मशीनें बंद कर मौके से हटा दीं गईं थीं, लेकिन दूसरे दिन फिर से वही सिल-सिला शुरु हो गया. इसी दौरान रेत लेने आई डंपरों की भीड़ ने रास्ता जाम कर दिया. जिसके चलते ग्रामीणों और डंपर चालकों में विवाद हो गया.

शुक्रवार सुबह से ही 4 पोकलेन मशीनें नर्मदा की केतोघान खदान में उतार दी गईं. इसके बाद रोज की तरह फिर मशीन से रेत भरने का सिल-सला शुुरू हो गया और डंपर रेत ढोने लगे. दिन चड़ने के साथ- साथ डंपरों की संख्या भी बढ़ती गई और करीब 100 से भी अधिक डंपर रेत लेने के लिए पहुंच गए. डंपर रेत लेकर निकलते रहे और खाली डंपर खदान में लगी लाइन में जाकर खड़े किए जाते रहे. जिससे गांव में रास्ता जाम हो गया. जिसके चलते ग्रामीणों का आवागमन बंद हो गया. जिससे गुस्साए ग्रामीणों ने विवाद कर दिया. हालांकि बाद में मामले का समझाइश से खत्म कर दिया गया.

वहीं रेत खनन को लेकर जब बरेली एसडीएम ब्रिजेंद्र रावत से बात की गई तो उन्होंने पहले की तरह ही फिर कहा कि वे मशीनों से रेत खदानों में उत्खनन नहीं होने देंगे. जहां ऐसा हो रहा है वहां कार्रवाई करेंगे. हर साल जिले में 15 जून तक मानसून आ जाता था. जिसके चलते जून में ही रेत खनन पर रोक लगा दी जाती थी, लेकिन मौसम विभाग नागपुर की रिपोर्ट के मुताबिक अब मानसून आने की तारीखें बीते सालों के हिसाब से आगे बढ़ गईं है. इसलिए कलेक्टरों को अपने जिले के हिसाब से रेत खनन को रोकने के लिए तारीख तय करने के अधिकार मिले हुए हैं. ऐसे में कलेक्टर अपने जिले में मानसून गतिविधियों के आधार पर रेत खनन पर रोक लगाने के निर्णय ले सकते हैं.

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