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निजी वेयरहाउस संचालक भी कर सकेंगे समर्थन मूल्य पर खरीदी - एमपीडब्ल्यूएलसी

मप्र वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक कारपोरेशन की संयुक्त भागीदारी योजना के तहत अनुबंधित निजी वेयरहाउस संचालकों को रबी विपणन वर्ष 2021-22 से उपार्जन कार्य दिए जाने का निर्णय लिया है.

Meeting in the collector hall
कलेक्टर सभाग्रह में बैठक

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Published : Mar 5, 2021, 3:36 PM IST

रायसेन।मप्र वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक कारपोरेशन की संयुक्त भागीदारी योजना के अंतर्गत कलेक्टर उमाशंकर भार्गव की अध्यक्षता में निजी वेयरहाउस संचालकों की बैठक कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में हुई. बैठक में कलेक्टर ने कहा कि किसानों को उनके ग्रामों के निकट उपार्जन केंद्र की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए शासन ने संयुक्त भागीदारी योजना के अंतर्गत अनुबंधित निजी वेयरहाउस संचालकों को रबी विपणन वर्ष 2021-22 से उपार्जन कार्य दिए जाने का निर्णय लिया है.

  • निजी वेयरहाउस संचालकों के लिए मापदंड निर्धारित

कलेक्टर भार्गव ने कहा कि समर्थन मूल्य पर उपार्जन कार्य के लिए संयुक्त भागीदारी योजना के अंतर्गत अनुबंधित निजी वेयरहाउस संचालकों के लिए मापदंड निर्धारित किए गए हैं. जिसके तहत वेयरहाउस की रिक्त क्षमता 3 हजार मेट्रिक टन या उससे अधिक होनी चाहिए. वेयरहाउस के संचालन के लिए वैध लायसेंस, एमपीडब्ल्यूएलसी (मप्र वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक कारपोरेशन) द्वारा संयुक्त भागीदारी योजना के तहत अनुबंधित होना चाहिए. कलेक्टर ने कहा कि वेयरहाउस में गतवर्ष का समर्थन मूल्य पर उपार्जित स्कंध या किसी अन्य प्राईवेट व्यक्ति द्वारा जमा कराया गया स्कंध भंडारित नहीं होने वाले वेयरहाउस संचालकों को उपार्जन का कार्य देने में प्राथमिकता दी जाएगी.

  • उपार्जन कार्य के लिए वेयरहाउस की चयन प्रक्रिया

बैठक में जानकारी दी गई कि वेयरहाउस संचालकों को उपार्जन कार्य के लिए निर्धारित आवश्यक दस्तावेज के साथ आवेदन करना होगा. गोदाम स्तर पर उपलब्ध सुविधाओं का सत्यापन और उपार्जन के लिए उपयुक्ता की जांच अनुविभाग स्तरीय समिति करेगी. वेयरहाउस संचालक जिन वेयरहाउसों पर उपार्जन कार्य करने के लिए आवेदन प्रस्तुत करेगा, उस क्षेत्र में वर्तमान में उपलब्ध सहकारी संस्थाओं की पात्रता और कार्यों का मूल्यांकन किया जाएगा. सहकारी संस्था अपात्र होने या उपार्जन में अनियमितता पाए जाने पर गोदाम संचालकों को कार्य दिया जाएगा. अनुविभाग स्तरीय समिति से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर जिला उपार्जन समिति द्वारा गोदाम संचालक को उपार्जन का कार्य देने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा.

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  • वेयरहाउस के अंदर नहीं होगी तुलाई

बैठक में जानकारी दी गई कि शासन के निर्देशानुसार किसान द्वारा लाई गई तौल वेयरहाउस परिसर में की जाएगी. तौल वेयरहाउस के अंदर नहीं की जाएगी. उपज की तौल एवं पेकिंग 50 किलो की भरती में की जाएगी. उपज की तौल के बाद स्कंध को छोटे वाहनों में लोड कर धर्मकांटे पर तौल उपरांत वेयरहाउस में जमा कराया जाएगा. धर्मकांटे में उपज की तौल में पाई गई मात्रा अनुसार ही स्वीकृति पत्रक, भंडारण में मात्रा मान्य होगी. शासन के निर्देशानुसर उपार्जन के दौरान वेयरहाउस पर प्राप्त होने वाले ट्रक, हैंडलिंग कार्य में परिलक्षित आधिक्य की मात्रा का लाभ गोदाम संचालक को नहीं दिया जाएगा.

  • वेयरहाउस संचालकों को उपार्जन कार्य में दी जाएगी सुविधाएं

विभाग द्वारा वेयरहाउस संचालकों को उपार्जन के दौरान सुविधाएं प्रदान की जाएगी. जिसमें उपार्जन अवधि के लिए कम्प्यूटर ऑपरेटर का मानदेय, निर्धारित दरों के अनुसार वेयरहाउस संचालक को कमीशन और मंडी लेबर चार्जेस का भुगतदान, गोदाम में स्टेकिंग, स्कंध की शिफ्टिंग और हैंडलिंग व्यय सहित निर्धारित राशि का भुगतान सीधे वेयरहाउस संचालकों को उनके बैंक खाते में उपार्जन नीति अनुसार साप्ताहिक रूप से किया जाएगा.

  • वेयरहाउस में उपार्जन केंद्र के लिए जरूरी व्यवस्थाएं

वेयरहाउस परिसर में धर्मकांटा, लाईट, किसानों के लिए बैठक व्यवस्था, पेयजल और शौचालय की सुविधा होनी चाहिए. वेयरहाउस तक पहुंच मार्ग होना चाहिए. इसी प्रकार वेयरहाउस संचालक के पास उपयुक्त कार्यालय, कम्प्यूटर्स, वित्तीय प्रबंधन की व्यवस्था और उपार्जन कार्य के लिए मानव संसाधन होना चाहिए. वेयरहाउस परिसर में वाहनों की पार्किंग और उपार्जन के लिए वेयरहाउस में लगा हुआ न्यूनतम एक एकड़ खुला स्थान उपलब्ध होना चाहिए.

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