रायसेन। ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव सचिन सिन्हा ने गैरतगंज में स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा संचालित दीदी कैफे एंड रेस्टोरेंट का अवलोकन किया. साथ ही उन्होंने महिलाओं के आजीविका भवन का भी अवलोकन किया. देहगांव में आजीविका फ्रेश केंद्र का अवलोकन किया गया. साथ ही ग्राम पंचायत भवन में स्व-सहायता समूहों की महिलाओं से चर्चा भी की.
महिलाओं के व्यवसायों का अवलोकन प्रमुख सचिव सिंहा ने गैरतगंज में महिला स्व-सहायतों समूह द्वारा संचालित दीदी कैफे और रेस्टॉरेंट का न सिर्फ अवलोकन किया. बल्कि उनके द्वारा बनाए गए व्यंजनों का स्वाद भी लिया. उन्होंने महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा व्यवसाय के माध्यम से आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने के लिए महिलाओं और समूहों की सक्रियता की सराहना की. महिलाओं ने सिन्हा को बताया कि सभी खर्चे निकालने के बाद उन्हें रोजाना 400 से 500 रूपए की आमदानी प्राप्त हो जाती है.
प्रमुख सचिव सिन्हा ने गैरतगंज में आजीविका भवन का भी निरीक्षण किया. उन्होंने भवानी स्व-सहायता समूह, राधा स्व-सहायता समूह, शारदा स्व-सहायता समूह अन्य स्व-सहायता समूह की महिलाओं से चर्चा करते हुए कहा कि परिवार और समाज के विकास में महिला स्व-सहायता समूह महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. सिन्हा ने समूह की महिलाओं को अपने व्यवसाय के विस्तार के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने महिलाओं से कहा कि वे शासन की रोजगार मूलक योजनाओं से लोगों को भी अवगत कराएं. साथ ही स्थानीय आवश्यकता के अनुरूप नवीन व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए भी कहा कि ताकि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को रोजगार से जोड़ा जा सके. प्रमुख सचिव ने गढ़ी में मनरेगा के तहत स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने तैयार की जा रही नर्सरी का भी अवलोकन किया.
देहगांव में आजीविका फ्रेश का किया अवलोकन
प्रमुख सचिव सिन्हा ने देहगांव में सीता स्व-सहायता समूह की महिला विमला कुशवाह द्वारा संचालित आजीविका फ्रेश केंद्र का भी अवलोकन किया. विमला ने बताया कि समूह से जुड़ने के बाद उसकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई है. सब्जी विक्रय से उसे प्रतिदिन सब खर्च निकालकर लगभग 350 रूपए की आमदानी हो जाती है. प्रमुख सचिव सिन्हा ने देहगांव में ग्राम पंचायत भवन का निरीक्षण करते हुए नारी शक्ति सामुदायिक संगठन, एकता ग्राम संगठन के पांच समूहों की 20 महिलाओं से उनके द्वारा की जा रही गतिविधियों की जानकारी ली. उन्होंने समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित वस्तुओं की मार्केटिंग के लिए शासकीय कार्यालयों, स्कूल, हॉस्टल, जेल आदि विभागों में सामग्री की आपूर्ति समूहों के माध्यम से किए जाने के निर्देश दिए.