रायसेन। जिला अस्पताल में करोड़ों की लागत से बने कोविड आईसीयू सेंटर के क्षतिग्रस्त सीवेज पाइप से निकलने वाला गटर का गंदा पानी अब परिसर के मुख्य मार्गों तक फैलने लगा है. जिससे अस्पताल में आने जाने वाले लोगों के साथ मरीजों को भी खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रत्येक जिले में जिला चिकित्सालय का निर्माण इस उद्देश्य किया जाता है कि जिला चिकित्सालय में अपनी शारीरिक परेशानियों और बीमारियों के इलाज के लिए आने पर मरीजों का बेहतर इलाज किया जा सके. साथ ही साथ उन्हें स्वच्छ वातावरण दिया जाता है जिससे वे बीमारियों से जल्द ठीक हों. लेकिन रायसेन जिले के जिला चिकित्सालय का हाल यह है कि 4 मंजिला इमारत के निर्माण में करोड़ों रुपए सरकार के खर्च होने के बाद भी सेप्टिक टैंक का पानी हर दूसरे दिन ओवरफ्लो होकर चिकित्सालय के मुख्य मार्गो पर बह रहा है. गटर की दुर्गंध वाले पानी से लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो गया है
गंदे पानी के बीच से होकर गुजर रहे लोग
रायसेन जिले के जिला चिकित्सालय का हाल यह है कि 4 मंजिला इमारत के निर्माण में करोड़ों रुपए सरकार के खर्च होने के बाद भी सेप्टिक टैंक का पानी हर दूसरे दिन ओवरफ्लो होकर चिकित्सालय परिसर में बह रहा है. गटर की दुर्गंध वाले पानी से लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो गया है. अपने बीमार परिजनों के इलाज के लिए आने वाले लोगों को इस गंदे पानी के ऊपर से होकर गुजरना पड़ रहा है.