रायसेन। कहते हैं कि दुनिया में भगवान हैं तो वह किसी ना किसी रूप में मदद के लिए आ ही जाते हैं. कुछ ऐसा ही रायसेन में उस समय हुआ जब एक 5 साल की बच्ची के इलाज के लिए दर दर भटक रहे एक गरीब परिवार की मदद के लिए एक रिपोर्टर आगे आया और सोशल मीडिया पर मदद की गुहार लगाई. कई लोगों से मदद का हाथ बढ़ाया लेकिन यह सिस्टम पर एक बड़ा तमाचा भी है.
बेटी के इलाज लिए सोशल मीडिया से लोग कर रहे मदद जहां प्रदेश सरकार बच्चियों को लेकर तमाम योजनाओं चलाकर लाभ देने का ढ़िढोरा पीटती है, वहीं इस बच्ची के इलाज के लिए अभी तक शासन प्रशासन से कोई मदद नहीं मिलना कमलनाथ सरकार में सरकारी तंत्र पर कई सवालिया निशान खड़े करती है. यह मासूम आज जिंदगी और मौत से लढ़ रही है. लेकिन शासन प्रशासन को कोई सुध नहीं.
रायसेन जिले की बरेली तहसील के भोड़िया निवासी 5 साल की मासूम पलक मालवीय गंभीर बीमारी से परेशान है. वहीं गरीब माता-पिता हमीदिया में भर्ती कराया. यहां सही इलाज नहीं किया गया और गरीब मां-बाप को यहां से भगा भी दिया. पैसे की कोई व्यवस्था नहीं थी ऐसे में मां-बाप बच्ची को लेकर घर आ गए.
सोशल मीडिया से लोगों ने की आर्थिक मदद
पूरे मामले की जानकारी मिलते ही ईटीवी भारत की टीम के साथ एक अन्य पत्रकार देवराज दुबे ने बच्ची की हालत देख देरी ना करते हुए भोपाल के प्राइवेट जेके हॉस्पिटल में भर्ती कराया. जहां अब 3 दिन बाद बच्ची की हालत में सुधार आया है. वहीं केंद्र सरकार की योजना आयुष्मान कार्ड ना होने के कारण सोशल मीडिया पर बच्ची के इलाज के खर्च के लिए पैसे की गुहार लगाई. जिसके बाद कई लोगों ने तत्काल मदद की और अभी भी लोग मदद कर रहे हैं.
अब विधायक दे रहे मदद का आश्वासन
3 दिन से पीआईसीयू में बच्ची का इलाज चल रहा है वहीं अब तक 35 से 40 हजार का खर्च आ चुका है. कल शाम ही बच्ची का आयुष्मान कार्ड बना है लेकिन बीमारी बड़ी होने के कारण आयुष्मान के अलावा भी बाहर से दवा लगेगी. वहीं स्थानीय विधायक ने हॉस्पिटल पहुंचकर मासूम के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली और बच्ची के इलाज के लिए पूरी मदद का आश्वासन दिया.
लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि आश्वासन देने से बच्ची का इलाज नहीं हो सकता और अभी तक प्रशासन कहां सोया हुआ था.