रायसेन। केंद्र व राज्य सरकार द्वारा निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने की मंशा का विरोध शुरु हो गया है. पॉवर सेक्टर का निजीकरण किए जाने के विरोध में आज जिला मुख्यालय रायसेन में विद्युत कर्मचारी और इंजीनियर ने एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में एमपी यूनाइटेड फोरम फ़ॉर पावर एंप्लाइज एवं इंजीनियर के प्रदेश संयोजक बीकेएस परिहार उपस्थित रहे. उन्होंने अपने भाषण में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा स्टैण्डर्ड बिल जारी किया गया है. जिसमें भारत की सभी विद्युत वितरण कंपनियों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी है. इसी को लेकर हमने आज जन जागरण रैली की घोषणा है.
7 तारीख को मुख्यमंत्री के नाम देंगे ज्ञापन
बीकेएस परिहार ने कहा हम सांसदों, विधायकों और जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन देंगे. उसके बाद हम 7 तारीख को एक बड़ी रैली करेंगे और मुख्यमंत्री को ज्ञापन देंगे. जिसमें पूरे प्रदेश के लोग इकट्ठे होंगे. निजीकरण से सभी लोगों को नुकसान है. इस पूरे इन्फ्राट्रक्चर को भारत में 70 साल में खड़ा किया गया है. जिसे सरकार लीज पर दे रही है. इससे हमारे पॉवर सेक्टर के एंप्लाइज को नुकसान है, उन सब का भविष्य खराब होगा और बिजली महंगी होगी. इस सबका विरोध करने के लिए हमने जन जागरण रैली करने का फैसला लिया है.
अगर हमारी बात नहीं सुनी गई तो करेंगे बड़ा आंदोलन
प्रदेश संयोजक ने कहा कि अगर सरकार ने हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तो फिर 7 फरवरी के बाद हम बड़ा आंदोलन करेंगे. उसके बाद जो परिस्थिति बनेगी उसके के लिए सरकार खुद जिम्मेदार होगी. सरकार निजीकरण करके अंबानी-अडानी जैसे बड़े पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना चाहती है. हम लोगों को नुकसान हुआ है हम लोगों के सैलरी इंक्रीमेंट बंद कर दिए हैं.