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हादसे को दावत दे रही है जर्जर हो चुकी स्कूल की इमारत, जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करती हैं छात्राएं - स्कूली शिक्षामंत्री डा.प्रभुराम चौधरी

रायसेन जिले के गैरतगंज में स्थित कन्या हायर सेकंडरी स्कूल 65 साल पुराने जर्जर हो चुके भवन में चलाया जा रहा है. हादसे की आशंका से छात्राओं में भी भय का महौल है, लेकिन बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं.

65 साल पुराना रायसेन के गैरतगंज का कन्या हायर सेकंडरी स्कूल

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Published : Aug 27, 2019, 1:45 PM IST

रायसेन। जिले के तहसील मुख्यालय स्थित विकासखंड का एक मात्र कन्या हायर सेकंडरी स्कूल 65 वर्ष पुराना भवन में चलाया जा रहा है. स्कूल की इमारत काफी जर्जर हो चुकी है, बारिश के मौसम में हादसे की आशंका बच्चों के डराती रहती है, बावजूद इसके छात्राएं इस जर्जर हो चुकी इमारत में पढ़ाई करने को मजबूर हैं.
स्कूल भवन के छप्पर का एक हिस्सा गिर चुका है, गनीमत ये रही कि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन जल्द ही शिक्षा विभाग इस स्कूल की तरफ ध्यान नहीं देता है तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

65 साल पुराना स्कूल किसी भी वक्त हो सकता है हादसे का शिकार
स्कूल की दीवारों पर बड़ी-बड़ी दरारे पड़ गई हैं, फर्श भी पूरी तरह टूट चुकी है और छप्पर भी जर्जर अवस्था में है. बारिश के वक्त तो स्कूल की सारी कक्षाओं में पानी भर जाता है और गर्मी के मौसम में छात्राएं छत के गिरने के डर के कारण पंखा भी चालू नहीं करती हैं. इतनी दिक्कतों के बाद भी कई सालों से स्कूल में सैंकड़ों की संख्या में छात्राएं आपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ाई कर रही हैं.2013 में ही इस स्कूल को कन्या हाईस्कूल से हायर सेकंडरी का दर्जा मिला है .स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं ने बताया कि छत से पानी टपकने के कारण, उन्हें छतरी लगा कर पढ़ाई करनी पढ़ती है. इतना ही नहीं बारिश की वजह से उनके किताबें भी खराब हो जाती हैं.

वही स्कूल के प्राचार्य ने बताया कि नए भवन के लिए वरिष्ट कार्यालय में कई पत्र लिखकर भेजे गए, लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ, भवन के सुधार के लिए अतिरिक्त कक्ष निर्माण एवं अन्य कार्यो के लिए भी आवंटन नहीं मिला है. शासन स्तर पर प्राचार्य ने भवन निर्माण की प्रक्रिया की है , जैसे ही अनुमति मिलती है, वैसे ही भवन का निर्माण कराया जाएगा.

विधानसभा में इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व स्कूली शिक्षामंत्री डा. प्रभुराम चौधरी करते हैं. शासन के रिकॉर्ड के आधार इस स्कूल भवन को पहले ही एक्सपायर भवन में घोषित कर दिया गया था, लेकिन भवन न होने के कारण इस जर्जर भवन में ही स्कूल का संचालन किया जा रहा है.

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