रायसेन। जनसंख्या कम करने के लिए शासन ने नसबंदी शिविर का आयोजन शासकीय अस्पताल सुल्तानपुर में किया था. लेकिन अधिकारी और फील्ड में पदस्थ कर्मचारियों की मनमानी और लापरवाही के कारण ऑपेरशन के लिए ग्रामीण क्षेत्र से आनेवाली महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सुल्तानपुर शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बुधवार को सुबह आठ बजे से आपरेशन के लिए महिलाएं अस्पताला आने लगी थी. ऑपेरशन के लिए आनेवाली महिलाओं के लिए कर्मचारियों द्वारा बेहोश करने के लिए इंजेक्शन लगाना शुरू किए गया था. आठ बजे दो महिलाओं को इंजेक्शन लगाया गया था, उनका दोपहर तीन बजे तक ऑपेरशन नहीं किया गया. क्योंकि आपरेशन करने वाले सर्जन जिला अस्पताल रायसेन से आते है. तीन बजे तक सर्जन अस्पताल नहीं पहुंचने से महिला बेहोशी के इंजेक्शन लगाने बाद तड़पती रही.
नसबंदी शिविर में महिला के परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप
रायसेन के शासकीय अस्पताल सुल्तानपुर अस्पताल में आयोजित नसबंदी शिविर में लापरवाही करने का मामला सामने आया है. परिजनों का आरोप है कि ऑपेरशन करने वाला डॉक्टर अभी अस्पताल पहुंचा भी नहीं था, इसके बावजूद कर्मचारियों ने महिला को बेहोशी का इंजेक्शन लगा दिया.
बताया जा रहा है कि सुल्तानपुर सरकारी अस्पताल में पदस्थ मेडिकल अफसर डॉक्टर विवेक व्यास के कोविड पॉजिटिव होने के कारण अस्पताल की व्यवस्थाएं लड़खड़ाई है. उनके स्थान पर जिन डॉक्टर की ड्यूटी लगाई गई है वह आते ही कम है. इसकी शिकायत मरीजों ने कलेक्टर से भी की है.
अब सवाल ये उठता है जब सुबह इंजेक्शन लगाए थे. तो तीन बजे तक ऑपरेशन क्यों नहीं किया गया. जब के एक ऑपरेशन में 5 मिनट का समय लगता है. तो फिर तीन बजे तक ऑपरेशन क्यों नहीं हुए. सर्जन ने तीन बजे के बाद पहुंचकर 30 मिनट में सारे ऑपरेशन किए. जब इस संबंध में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चोधरी से इस तरह की लापरवाही पर सबाल किये तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर करते हुए मामले की जांच की बात कही है.