रायसेन। धरती पर सिर्फ डॉक्टर ही हैं जिन्हें भगवान का दर्जा हासिल है. कोरोना महामारी के दौरान इनका महत्व और भी बढ़ गया है, इस मुश्किल दौर में भी डॉक्टर बड़ा जोखिम उठाकर भी मरीजों का इलाज कर रहे हैं, जबकि कई डॉक्टर अपना फर्ज निभाते निभाते दुनिया को अलविदा तक कह गए. बावजूद इसके डॉक्टर्स अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों की सेवा कर अपना फर्ज निभा रहे हैं.
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस: यूं ही नहीं इन्हें कहा जाता है धरती का 'भगवान'
धरती पर सिर्फ डॉक्टर ही हैं जिन्हें भगवान का दर्जा हासिल है. कोरोना महामारी के दौरान इनका महत्व और भी बढ़ गया है, इस मुश्किल दौर में भी डॉक्टर बड़ा जोखिम उठाकर भी मरीजों का इलाज कर रहे हैं.
डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना को हराकर ही हम चैन की सांस लेंगे. डॉक्टर्स-डे पर ईटीवी भारत ने फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर्स बनकर काम कर रहे कुछ डॉक्टर्स से बात की. कुछ डॉक्टर्स का कहना है कि हम अपने काम से संतुष्ट हैं और हमे बॉर्डर पर जाकर देश सेवा करने का अवसर नहीं मिला. लेकिन हम लोगों की सेवा करके देश सेवा कर रहे हैं.
डॉक्टर्स लोगों से घर पर रहकर सुरक्षित रहने और बाहर निकलने पर मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील भी कर रहे हैं. उन्होंने ये भी बताया कि हमे अपने काम पर बहुत गर्व है, हमारे परिवार वाले कोरोना के डर से चिंता में रहते हैं. हम अपने परिवार के सदस्यों को समझाते हैं. हमें इस बात का दुख भी है कि कोरोना के कारण कुछ लोगों की जान भी चली गई है. वो समय पर अस्पताल आ जाते या उनको सही समय पर कोरोना की सही जानकारी मिल जाती तो शायद उनकी जान बच सकती थी.