रायसेन।मुख्यमंत्री शहरी नल जल योजना में करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी कई सालों से शहरवासी पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं. नगर में पेयजल का संकट बरकरार है. बूंद-बूंद पानी के लिए लोगों को संघर्ष करना पड़ रहा है. पेयजल व्यवस्था जर्जर दिखाई दे रही है. आलम यह है कि अपनी जरूरत का पानी लाने के लिए भी लोगों को दो किलोमीटर चलकर जाना पड़ रहा है.
- तीन दिन में एक बार आता है पानी का टैंकर
जनता की प्यास बुझाने के लिए नगर पालिका हर तीन दिन में पानी के टैंकर पहुंचाती है. लेकिन नगर निगम के टैंकरों से जरूरत का पानी भी नही मिल पा रहा है. ये सारी समस्या तब है जब शहरी नल जल योजना में लगभग 33 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं. इसके बाद भी लोगों को जरूरत का पानी नहीं मिल पा रहा है. आपको बता दें की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इंदौर से रायसेन नगर की शहरी पेयजल योजना का ई-लोकार्पण किया था. शहरी पेयजल योजना का उद्देश्य शहर के लोगों की जल समस्या का समाधान करना था. लेकिन गर्मी शुरू होने से पहले ही शहर जल संकट से जूझने लगा है.
- दो किलोमीटर दूर से लाते है पानी
नगर पालिका के अंतर्गत आने वाले वार्ड क्रमांक 13 ताजपुर मोहल्ले में कई वर्षों से पेयजल समस्या बनी हुई है. नगर पालिका द्वारा शहरी नल जल योजना के तहत पाइप लाइन तो बिछाई गई हैं, पर पाइपलाइन से जलापूर्ति संभव नहीं हो रही है. लोगों के बर्तन और गले की प्यास बुझने का नाम नहीं ले रही है. स्थानीय वार्ड वासियों ने बताया कि नगर पालिका हर 3 दिन में पानी के टैंकर पहुंचाती हैं. जिनसे जरूरत का पानी भी नहीं मिल पाता. हमें पानी लेने के लिए दो किलोमीटर पैदल चलकर जाना होता है.