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पेंशन निकालने के लिए कई किलोमीटर दूर से पैदल आने को मजबूर दिव्यांग, कलेक्टर के आदेश की अवहेलना कर रहे बैंक - raisen news

रायसेन के सुल्तानगंज में लॉकडाउन के चलते कई किलोमीटर पैदल चलकर ग्राहक सेवा केंद्र पर पहुंचने के लिए दिव्यांगों को मजबूर होना पड़ रहा है.

Divyang forced to walk customer service center
ग्राहक सेवा केंद्र पर पैदल आने को मजबूर दिव्यांग

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Published : Apr 11, 2020, 12:19 PM IST

रायसेन। प्रदेश में कोरोना वायरस के चलते सभी इलाकों में लॉकडाउन कर दिया गया है. वहीं इस लॉकडाउन के चलते प्रदेश के दिव्यांगजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पेंशन लेने के लिए हजारों हितग्राही लॉकडाउन के चलते वाहन नहीं मिलने पर पैदल चलकर बैंकों पर पहुंचने के लिए मजबूर हो रहे हैं.

ऐसा ही एक मामला आज सामने आया जहां ग्राम शाहपुर के वृद्ध व दिव्यांग करोड़ी बैसाखी के सहारे पैदल चलकर 14 किलोमीटर दूर सुल्तानगंज अपनी पेंशन निकालने के लिए आए और 14 किलोमीटर पैदल चलकर घर वापस गए. वृद्ध दिव्यांग पेंशनधारी ने बताया कि उसकी आजीविका का और कोई साधन नहीं होने से मजबूरी में उन्हें इतनी दूर आना पड़ा. जबकि कलेक्टर द्वारा सभी बैंकों को निर्देशित किया गया है कि वो गांव-गांव जाकर राशि वितरण करें. इसके बावजूद भी ग्राहक सेवा केंद्र वाले कलेक्टर के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं.

जानकारी के अनुसार जिले के सुल्तानगंज क्षेत्र में मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक के 7 बैंक मित्र वीरेंद्र नामदेव खामखेड़ा, प्रदीप नामदेव डूंगरिया, रामेश्वर नामदेव घाना कला, परशुराम रतनहारी, राघवेंद्र दांगी बम्होरी टीटोर, राघवेंद्र ठाकुर मरखेड़ा गुलाब , दीपेश चौबे सुनवाहा आदि हैं. वहीं भारतीय स्टेट बैंक के ग्राहक सेवा केंद्र मुकेश चौबे सुनवाहा के लिए धर्मेन्द्र सिंह तोमर तुलसीपार के लिए हैं. शैलेन्द्र सिंह तोमर उमरहारी के लिए तीन किओस्क संचालक हैं, लेकिन ये सभी सुल्तानगंज में बैठकर बैंक संबंधी लेनदेन करते हैं. करीब 80 गांव के 20 हजार खातेधारकों का लेनदेन जहां से संचालित होता है. इनमें जनधन एवं सामाजिक सुरक्षा पेंशन पाने वाले दिव्यांग, विधवा, वृद्धावस्था वाले भी शामिल हैं. लॉकडाउन के चलते हजारों हितग्राही लॉकडाउन के चलते पैदल चलकर सुल्तानगंज आने को मजबूर हैं.

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