रायसेन। गरीबी और बेघर लोगों के सिर पर साया के लिए देश के प्रधानमंत्री ने आवास योजना लागू की हुई है. वहीं सांची में आज भी पात्रता की श्रेणी की उपेक्षा और अपात्रों को आवास योजना का लाभ के साथ ही पात्रता की श्रेणी में पाने के लिए भी लेन-देन का खेल इन दिनों चर्चा में चल रहा है. इतना ही नहीं जो पात्रता की श्रेणी में स्वीकृति की कगार पर पहुंच चुके हैं उनके बीच पुरातत्व विभाग अपने नियमों की आड़ में दीवार बन कर गरीबों के आशियानें में रोड़ा बन गया है.
इस योजना का क्रियान्वित करने के लिए सरकार ने नगर परिषद को जिम्मा सौंपा, पर नगर परिषद पर प्रभावशाली व्यक्ति अमीरों राजनीति में दखल रखने वाले भी इस योजना का लाभ उठाने में पीछे नहीं दिखाई दिए. वहीं जिन गरीबों के नाम इस योजना की सूची में शामिल किए गए उन्हे पुरातत्व विभाग के नियमों की आड़ में लाभ से वंचित कर दिया गया. सांची में में लगभग 800 लोगों की सूची पात्रता की श्रेणी में तैयार की गई है पर इसमें से 300 लोगों की पात्रता पुरातत्व विभाग के नियमों की भेंट चढ़ गई. जिससे इन लोगों को पीएम योजना का लाभ नहीं मिल पाया.