रायसेन। इंदौर में बढ़ते कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के लिहाज से पिता ने अपने चारों बच्चों को रायसेन जिले के देवरी तहसील के साईंखेड़ा गांव में अपने भाई के यहां ई-पास बनवाकर भेज दिया, वहां पहुंचते ही उनका सबसे पहले मेडिकल परीक्षण कराया गया, जिसके बाद उन्हें 14 दिन तक होम क्वारेंटाइन के लिए कहा गया, जब लोगों को इस बारे में जानकारी लगी तो उन्होंने इसका खूब विरोध किया.
इस विषय पर पंचायत कंट्रोल रूम प्रभारी पटवारी और पंचायत सचिव ने भी बच्चों को यहां से जाने के लिए कहा, जिसके बाद जैसे-तैसे मनाने के बाद उनको खेत में रहने के लिए कहा गया, जबकि शासन की गाइडलाइन के अनुसार कोई भी व्यक्ति बाहर से आता है तो उसको होम क्वारेंटाइन करना है या फिर संदिग्ध होने पर पंचायत भवन में व्यवस्था अनुसार रखना है, लेकिन यहां पर कोई व्यवस्था न करते हुए इनको भगाने का प्रयास किया गया, जिसकी वजह से गांव से दूर खेत में बनी झोपड़ी में चारों बच्चों को रखा गया है.
इंदौर से आई अर्चना लोधी का कहना है कि हम इंदौर में पढ़ाई कर रहे थे, इस कारण अपने गांव सालों से नहीं आए, यहां कोई व्यवस्था नहीं थी, इसलिए हम अपने चाचा के गांव आ गए हैं, लेकिन प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली. चाचा ने ही खाने-पीने और रहने की यहां व्यवस्था की है.