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भारत की सबसे वृद्ध हथिनी वत्सला को लेकर क्यों है कॉन्ट्रोवर्सी, 100 साल की मदर एलीफेंट का हेल्थ स्टेटस जानें - Vatsala in India panna tiger reserve

देश की सबसे ज्यादा उम्र की मदर एलीफेंट को लेकर दुनिया भर में कॉन्ट्रोवर्सी है. जहां इसे दुनिया में इसे सबसे उम्रदराज हथिनी माना जाता है मगर फिर भी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया जा रहा. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि जल्द साइंटिफिक तरीके से उम्र का सही आंकलन होगा और उसके बाद वत्सला दुनिया की सबसे बुजुर्ग मदर एलीफेंट बन जाएगा.

Worlds oldest elephant in India Vatsala
भारत की सबसे वृद्ध हथिनी वत्सला

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Published : Apr 11, 2023, 1:22 PM IST

पन्ना।मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में भारत ही नहीं दुनिया की सबसे एजेड हथिनी का निवास है. पिछले ही साल इसकी जिंदगी में एक नया मोड़ तब आया जब काफी खराब हालत और विशेषज्ञों के आंकलन को गलत बताते हुए मौत को मात दे दी. वत्सला काफी बीमार थी और माना जा रहा था कि अब भारत की सबसे उम्रदराज हथिनी नहीं बचेगी. मगर वो पूरी तरह से ठीक हो गई. विशेषज्ञों की मानें तो अब वो 100 साल की उम्र पार कर चुकी है और मोटे तौर पर उसकी एज 105 साल के आसपास मानी जा रही है. हालांकि जब तक कार्बन डेटिंग का प्रॉसेस पूरा नहीं होता तब तक सही उम्र का महज आंकलन ही किया जा सकता है. यही वजह है कि आजकल दुनिया की सबसे बूढ़ी मदर एलीफेंट की उम्र को लेकर कॉन्ट्रोवर्सी है. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करने में यही दिक्कत पेश आ रही है.

30 साल से है पन्ना की शान: हालांकि वतस्ला को लेकर अधिकारी आश्वस्त हैं कि कार्बन डेटिंग प्रोसेस के जरिए वत्सला को उसका हक मिल जाएगा. यानि दुनिया को उसकी सही उम्र का पता चल जाएगा. फिलहाल तो वत्सला पूरी तरह से स्वस्थ्य है और पन्ना के जंगलों में किसी महारानी की तरह राज कर रही है. वत्सला को लेकर पन्ना रिजर्व अपने नाम एक बड़ी उपलब्धि हासिल करने का ख्वाहिशमंद है. 1993 से उसका वास इन्ही जंगलों में है जहां के टाइगर पूरी दुनिया में मशहूर हैं. मगर अधिकारी अब इसे मदर एलीफेंट के जरिए मशहूर करना चाहते हैं. उसके दीदार दुनिया को कराना चाहते हैं.

वत्सला का राज है पन्ना में: एमपी में पन्ना यूं तो अपने हीरों के लिए मशहूर है. जाहिर है वत्सला भी एक ऐसा ही हीरा है जिसकी वजह से यह टाइगर रिजर्व सुर्खियों में है. सतपुड़ा का जंगल उसे हमेशा से रास आया और यही कारण है कि वो यहां 30 सालों से रह रही है. 1993 से 2023 तक का सफर भी काफी दिलचस्प रहा. वो यहां केरल से आई थी. वत्सला अपने नाम की तरह ही वात्सल्य से भरी हुई है और कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया.

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कैसा है वत्सला का स्वास्थ्य: यह हथिनी ना सिर्फ एमपी में बल्की केरल में भी काफी मशहूर रही है. वहीं से बुंदेलखंड होते हुए इसे पन्ना लाया गया. आज भी यह स्वस्थ्य है और तैयारी कार्बन डेटिंग टेस्ट की चल रही है ताकि इसे इसका गौरव मिल सके. यानि वत्सला गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी जगह पा सके. दुनिया की सबसे एजेड हाथी ताइवान में था जिसकी मौत हो चुकी है. उसकी उम्र 86 वर्ष थी. फिलहाल वत्सला अपने महावत की बात का पूरी तरह से पालन करती है. उम्र ज्यादा होने का असर भी उस पर साफ दिखता है.

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