पन्ना/नर्मदापुरम।पन्ना जिले के अजयगढ़ निवासी गोल्डी गुप्ता का UPSC में चयन हुआ है. उनकी 181वीं रैंक आई है. इस उपलब्धि पर पूरा जिला गौरान्वित महसूस कर रहा है. गोल्डी गुप्ता ने पन्ना जिले का नाम रोशन किया है. गोल्डी गुप्ता के पिता राजेश कुमार गुप्ता उर्फ राजू गुप्ता व माता गीता गुप्ता मूलतः अजयगढ़ के सिंहपुर के निवासी हैं. ये एक मध्यम वर्ग का परिवार है. गोल्डी की प्रारम्भिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर में हुई. उसके बाद उत्कृष्ट माध्यमिक विधायक अजयगढ़ से 12वीं तक पढ़ाई की. इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज से BA पॉलिटिकल साइंस की पढ़ाई पूरी की.
UPPSC Result2023:अजयगढ़ के गोल्डी गुप्ता की 181वीं रैंक तो नर्मदापुरम के शिव मालवीय की 391वीं
संघ लोक सेवा आयोग (UPPSC) में मध्यप्रदेश के युवाओं ने खासी सफलता हासिल की है. पन्ना जिले के अजयगढ़ के गोल्डी गुप्ता ने 181वीं रैंक पाकर जिले का नाम रोशन किया है. वहीं, नर्मदापुरम के शिव मालवीय ने भी 391वीं रैंक हासिल कर पूरे जिले का नाम रोशन किया है.
मन व लगन से मेहनत पर मिली सफलता :गोल्डी गुप्ता ने इसके बाद JNU से MA पॉलिटिकल साइंस की पढ़ाई पूरी की. वर्तमान में वह दिल्ली विश्वविद्यालय से PHD कर रहे हैं. गोल्डी की उपलब्धि की चर्चा पूरे जिले में है. गोल्डी ने साबित कर दिया है कोई भी काम पूरे मन व लगन से किया जाए तो सफलता अवश्य मिलती है. वह एक मध्यम परिवार के हैं. शुरुआती पढ़ाई कस्बा स्तर पर की. इसके बाद भी आईएएस बनने का सपना साकार किया. इससे पूरे जिले के स्टूडेंट्स में एक अच्छा संदेश गया है.
नर्मदापुरम के शिव मालवीय का भी चयन :नर्मदापुरम जिले के इटारसी के समीपस्थ ग्राम जुझारपुर में रहने वाले शिव मालवीय ने यूपीएससी परीक्षा में 391वी रैंक हासिल की है. इंटरव्यू के दौरान शिव मालवीय से पूछा गया था कि आपको क्या चीज सबसे ज्यादा परेशान करती है तो उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार, सामाजिक दूरियां, आर्थिक रूप से आज भी हम टेक्नोलॉजी में चीन, इजरायल, साउथ कोरिया से पीछे हैं. आप सेलेक्ट होते हैं तो किन चीजों पर काम करेंगे. इसके अलावा भारतीय होने पर गर्व महसूस करते हैं तो क्यों करते हैं. शिव मालवीय ने कहा कि मुझे भारतीय होने पर गर्व इसलिए होता है, क्योंकि भारत मेरी जन्मभूमि है, मेरी कर्मभूमि है. शिव मालवीय ने यूपीएससी में पहली बार परीक्षा दी और आईएएस में चयन हो गया. उनके परिजन विजय मालवीय, मां अर्चना मालवीय, चाचा विष्णु मालवीय ने बताया कि 18 से 20 घंटे की पढ़ाई करके शिव ने सफलता हासिल की है.