पन्ना। टाइगर रिजर्व में कथित रूप से आपसी संघर्ष में मारे गए बाघ पी-123 का कटा हुआ सिर और हथियारों की खोज के लिए कई गोताखोरों की टीम ने दिन भर केन नदी के तल को खंगाला. इस दौरान सुबह से लेकर शाम तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन कुछ भी हाथ नहीं लगा.
दरअसल 7 अगस्त 2020 को कथित तौर पर बाघ पी-123 का एक अन्य बाघ से संघर्ष हो गया था, जिसमें नदी में गिरने से घायल बाघ पी-123
की मौत हो गई थी. इसी दौरान बमीठा थाना क्षेत्र के पालकोहा गांव निवासी 4 आरोपियों द्वारा मृतक बाघ का सिर कुल्हाड़ी और धारदार हथियार से काटा गया, जिसे नदी के पास के एक टापू में जमीन के अंदर दबा दिया गया. हालांकि एसटीएफ जांच के आदेश होने के बाद पकड़े जाने के डर से अभियुक्तों ने गड्ढे से निकालकर सिर को नदी में फेंक दिया, जिसकी तलाश के लिए होमगार्ड के गोताखोरों द्वारा सुबह से शाम तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, जो पूरी तरह बेनतीजा रहा.
रेस्क्यू में नहीं मिला बाघ का कटा हुआ सिर क्षेत्र संचालक की माने तो बाघ के सिर और हथियारों को नदी से रिकवर करना काफी मुश्किल है, लेकिन फिर भी अभियुक्तों को सजा दिलाने के लिए पार्क प्रबंधन के पास पर्याप्त सबूत है. हालांकि इस तरह की अटकलें लगाई जा रही है कि बगैर बाघ के सिर और हथियार की बरामदी के अभियुक्तों को सजा दिला पाना कठिन होगा.