पन्ना।स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स भोपाल की टीम ने पन्ना टाइगर रिजर्व के बाघ पी-123 का सिर और अन्य अंगों को काटकर ले जाने के बहुचर्चित मामले का खुलासा करते हुए तीन शिकारियों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपियों में छतरपुर जिले के पलकोहा गांव का एक झोलाछाप डॉक्टर भी शामिल है. जिसके बहकावे में आकर अन्य दो आरोपियों ने बाघ की गर्दन को कुल्हाड़ी से काटा था. इसके अलावा उसके प्राइवेट पार्ट को भी काटा गया था. बाघ के कुछ अवशेष भी जब्त हुए हैं. करीब एक माह की कड़ी मशक्कत के बाद इस मामले का खुलासा करते हुए एसटीएसएफ ने छतरपुर जिले के तीन शिकारियों को गिरफ्तार किया है.
STSF ने पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघ की मौत का किया खुलासा, तीन आरोपी गिरफ्तार - Cane River panna
करीब एक महीने पहले पन्ना टाइगर रिजर्व में एक बाघ की मौत का मामला सामने आया था. जिसकी जांच एसटीएसएफ को सौंपी थी. इस मामले में चौकाने वाला खुलासा हुआ. जहां तीन तस्करों ने बाघ के अंगों को बेचने के लिए उसे मारा था.
पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि आरोपियों ने बाघ के अंगों को काटने के बाद पकड़े जाने के डर से केन नदी में उसका सिर फेंक दिया था और अन्य अंगों को नदी के ही पास दफना दिया था. मौके से एसटीएफ द्वारा कुछ अवशेष जब्त किये गये हैं. इन्हें फॉरेंसिक जांच के लिये भेजा रहा है.
बता दें, की पन्ना टाइगर रिजर्व की हिनौता रेंज के बाघ पी-123 आपसी संघर्ष में घायल होकर केन नदी में गिर गया था. घटना के तीसरे दिन बाघ का शव नदी में तैरता हुआ मिला था. उसका सिर गायब था. पन्ना टाइगर रिजर्व के तत्कालीन क्षेत्र संचालक केएस भदौरिया ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया था कि बाघ के तीन दिन तक नदी के पानी में रहने से उसके सिर को शायद मगरमच्छ ने खा लिया. बाघ का शव मिलने के लगभग 20 दिन बाद जब यह खुलासा हुआ कि उसके सिर के साथ अन्य प्राइवेट पार्ट भी गायब थे और सभी अंगों को धारदार हथियार से काटा गया है, तो यह सच्चाई जानकार हर कोई दंग रह गया.