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क्वारंटाइन किए गए लोगों के नाम पर गबन की कोशिश, तहसीलदार ने सील किया छात्रावास - Seal

शासकीय अमला कोविड-19 के खिलाफ संघर्ष कर रहा है, तो वहीं इसकी आड़ में सरकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार करने से भी नहीं डर रहे हैं. मामला पन्ना जिले के पवई विकासखंड के आदिवासी छात्रावास सिंगवारा का है. जहां छात्रावास अधीक्षक ने क्वारंटाइन किए गए 48 लोगों के नाम पर फर्जी बिल बाउचर लगाकर सरकारी पैसे के गबन की कोशिश की.

Simaria Tehsildar sealed tribal hostel of Powai development block
पवई विकासखंड के आदिवासी छात्रावास को सिमरिया तहसीलदार ने किया सील

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Published : Apr 30, 2020, 3:48 PM IST

छिंदवाड़ा। शासकीय अमला कोविड-19 के खिलाफ संघर्ष कर रहा है, तो वहीं इसकी आड़ में सरकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार करने से भी नहीं डर रहे हैं. मामला पन्ना जिले के पवई विकासखंड के आदिवासी छात्रावास सिंगवारा का है. जहां छात्रावास अधीक्षक ने क्वारंटाइन किए गए 48 लोगों के नाम पर फर्जी बिल बाउचर लगाकर सरकारी पैसे का गबन किया. मामले का खुलासा होने पर तहसीलदार ने आदिवासी छात्रावास को सील कर दिया.

पवई विकासखंड के आदिवासी छात्रावास को सिमरिया तहसीलदार ने किया सील

प्राप्त जानकारी के मुताबिक आदिवासी छात्रावास सिंगवारा में बाहर से आए हुए 48 लोगों को क्वारंटाइन किया गया था. क्वारंटाइन किए गए लोगों को 6 दिनों तक माध्यमिक शाला सिंगवारा की शाला प्रबंधन कमेटी ने भोजन उपलब्ध कराया. जिसके बाद आठ दिनों तक ग्राम पंचायत सिंगवारा ने उनके खाने-पीने सहित अन्य व्यवस्था का इंतजाम किया. लेकिन शासकीय राशि हड़पने की मंशा से आदिवासी छात्रावास सिंगवारा के अधीक्षक सुरेंद्र बेड़िया ने खाद्य सामग्री, साबुन, सेनेटाइजर सहित अन्य इंतजामात के फर्जी बिल- वाउचर लगाकर सरकारी धन के गबन की कोशिश की, लेकिन तहसीलदार ने उसे पकड़ लिया.

तहसीलदार के बताया कि, लॉकडाउन के पूर्व आदिवासी छात्रावास सिंगवारा के अधीक्षक को 5 क्विंटल गेहूं, 1 क्विंटल चावल, शासकीय उचित मूल्य की दुकान से दिलाए गए थे. अधीक्षक ने 1 क्विंटल आटा, 50 किलो चावल बाजार से खरीदने का बिल भी लगाया था. तहसीलदार सिमरिया आदिवासी छात्रावास सिंगवारा में इसी स्टॉक की जांच करने पहुंचे. जहां अधीक्षक कार्यालय से नदारद मिले. तहसीलदार के बुलाने के बाद भी छात्रावास नहीं आए. जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों से बात करने के उपरांत तहसीलदार ने छात्रावास सील करने की कार्यवाई की. ताकि अधीक्षक महोदय रात के समय हेरफेर ना कर सकें.

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