मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

Sawan Somwar 2023: पन्ना जिले के सलेहा क्षेत्र में चौमुख नाथ मंदिर में भगवान शिव की अद्वितीय चतुर्मुखी प्रतिमा - प्रतिमा में चार मुख की आकृतियां

पन्ना जिले के सलेहा क्षेत्र में प्रसिद्ध तीर्थ स्थल चौमुख नाथ मंदिर संपूर्ण बुंदेलखंड में आस्था का केंद्र है. श्रावण मास में यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है. यहां भगवान शिव की अद्वितीय चतुर्मुखी प्रतिमा है. माना जाता है कि सावन सोमवार को यहां जो भक्त आते हैं, उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

Unique Chaturmukhi idol of Lord Shiva
चौमुख नाथ मंदिर में भगवान शिव की अद्वितीय चतुर्मुखी प्रतिमा

By

Published : Jul 10, 2023, 11:02 AM IST

पन्ना।जिले के सलेहा क्षेत्र अंतर्गत प्राचीन मंदिर चौमुख नाथ में दर्शन करने के लिए प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. सावन माह में सलेहा क्षेत्र के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल चौमुख नाथ एवं सिद्धनाथ में स्थित भगवान शिव तथा माता पार्वती के मंदिर के दर्शन करने सतना, पन्ना, छतरपुर, कटनी सहित कई जिलों व अन्य प्रदेशों से भक्तगण पहुंचने लगे हैं. यहां शिव की प्रतिमा आकर्षण का केंद्र है. यहां श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर भगवान के दर्शन करने आते हैं. ये मंदिर अति प्राचीन है. मंदिर में भगवान शिव के चार मुख वाली प्रतिमा स्थापित है.

प्रतिमा में चार मुख की आकृतियां :ग्राम के सरपंच गणेश प्रसाद कुशवाहा बताते हैं कि मंदिर प्रतिदिन सैकड़ों भक्त भगवान शिव के दर्शन करने आते हैं. शिव की इस प्रतिमा को देखकर असीम शांति मिलती है. प्रतिमा में चार मुख की आकृतियां अलग-अलग हैं. वहीं, मंदिर के पुजारी संतोष कुमार शुक्ला ने बताया कि चतुर्मुखी प्रतिमा में एक मुख भगवान के विवाह में सुशोभित दूल्हे के वेष का है. इसको गौर से देखने पर भगवान के दूल्हे के रूप के दर्शन होते हैं. दूसरे मुख में भगवान अर्द्धनारीश्वर रूप में हैं. तीसरा मुख भगवान का समाधि में लीन की स्थिति का है. चौथा मुख उनके विषपान करने का है.

प्रतिमा अद्भुत और दुर्लभ है :प्रतिमा को सूक्ष्मता के साथ दर्शन करने पर सभी रूप उभरकर सामने आते हैं. यह प्रतिमा अपने आप में अद्भुत और दुर्लभ है. मंदिर के सामने माता पार्वती का प्राचीन मंदिर है. कलाकृति को देखने में ऐसा प्रतीत होता है कि चौथी या पांचवीं शताब्दी के राजाओं द्वारा इसका निर्माण कराया गया है. इसी तरह सलेहा से 10 किलोमीटर दूर स्थित अगस्त्य मुनि आश्रम में भगवान शिव की अद्भुत प्रतिमा स्थापित है. जो दिन में तीन बार अपना स्वरूप एवं रंग बदलती है. जिसे देखने में यहां पर भगवान शिव के साक्षात् दर्शन प्राप्त होते हैं.

ये खबरें भी पढ़ें...

सिद्धनाथ आश्रम का इतिहास :सिद्धनाथ आश्रम का इतिहास अगस्त्य मुनि आश्रम तथा सुतीक्षण ऋषि से जुड़ा हुआ है. यहां पर भगवान राम अगस्त्य मुनि से मिलने सुतीक्षण ऋषि के साथ आए थे. भगवान श्री राम ने अगस्त्य मुनि से भेंट की. यह स्थान श्री राम के पथगमन से जुड़ा हुआ है. यहां पूजा और दर्शन करने से पुण्य लाभ की प्राप्ति होती है. यहां हर समय स्थानीय श्रद्धालु आते हैं लेकिन सावन माह के सोमवार को यहां भगवान के दर्शन करने के लिये हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. हालांकि इन तीर्थ स्थलों के लिए आवागमन के साधनों का प्रशासन द्वारा कोई इंतजाम नहीं किया गया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details