पन्ना। नगर परिषद पवई में प्रधानमंत्री आवास योजना में घोटाले का मामला सामने आया है. इस मामले का खुलासा होते ही पुलिस ने सात अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ FIR दर्ज की है. आरोपियों के खिलाफ आवास योजना के पात्र हितग्राहियों की स्वीकृत सूची में छेड़छाड़ करने का आरोप है. साथ ही उनके बैंक खातों में राशि जारी कर फर्जी तरीके से निकालने की बात भी सामने आई है.
PM आवास योजना में फर्जीवाड़ा क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक आवास योजना के पात्र हितग्राहियों की स्वीकृत सूची में छेड़छाड़ किया गया है. उस सूची में अपात्रों को नाम जोड़े गए और उनके बैंक खातों में राशि जारी कर फर्जी तरीके से निकाल ली गई.
किसके खिलाफ हुई FIR दर्ज
पुलिस ने इस मामले में पवई नगर परिषद अध्यक्ष किरण बागरी, अध्यक्ष पति बृजपाल बागरी, तत्कालीन CMO विजय रैकवार, उपयंत्री विक्रम बागरी समेत सात लोगों के खिलाफ जालसाजी, गबन और भ्रष्टाचार की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. फिलहाल इस मामले में अब तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है.
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दो महीने हुई थी समिति गठित
नगर परिषद पवई में लगातार बड़े पैमाने पर प्रधानमंत्री योजना में अनियमितताएं की शिकायतें आ रही थीं. इन्हीं शिकायतों के आधार पर करीब दो महीने पहले कलेक्टर ने जांच के लिए चार सदस्यों की समिति गठित की थी. समिति ने जांच के बाद जो रिपोर्ट पेश की, उसमें चौंकाने वाले फैक्ट सामने आए.
139 पात्र हितग्राहियों को किया अपात्र
रिपोर्ट में खुलासा करते हुए उल्लेख किया है गया कि, साल 2018-19 में प्रधानमंत्री आवास योजना के 774 हितग्राहियों की स्वीकृत सूची में शामिल 139 पात्र हितग्राहियों के नाम हटा दिए गए. उनके नाम हटाने के बाद इतने ही अपात्रों के नाम जोड़े गए. दस्तावेजों में हेराफेरी करने के बाद अपात्र हितग्राहियों के खातों में आवास की राशि दो-दो लाख रुपए डाल दिए गए. जांच में समिति ने पाया कि 9 हितग्राही ऐसे भी हैं जिनके मकान पहले से ही निर्मित हैं.
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कलेक्टर के आदेश पर नगर परिषद पवई के CMO हरि वल्लभ शर्मा ने दोषियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराया है. इस मामले में आवास घोटाले की जांच रिपोर्ट सहित कई आवश्यक दस्तावेज भी पवई थाना पुलिस को सौंपें गए हैं. ASP बीकेएस परिहार ने बताया कि सभी के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 34 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत प्रकरण मामला दर्ज किया गया है.