पन्ना। प्रदेश सरकार लगातार जनता के दरबार में पहुंचकर अपने द्वारा किए गए विकास कार्यों को लोगों के बीच गिना रही है. इस दौरान प्रदेश सरकार बिजली, सड़क और पानी के विकास कार्यों को लेकर अपनी पीठ थपथपा रही है और विकास कार्यों के लिए अपने मुंह मियां मिट्ठू बन रही है. वहीं, जमीनी हकीकत इसके परे है. प्रदेश के सबसे पिछड़े पन्ना जिले के पवई विधानसभा के अंतर्गत आज भी दर्जनों ऐसे गांव हैं, जहां न तो सड़क, न ही बिजली पहुंच पाई है. ऐसा ही एक गांव टिकरिया है, जहां पिछले दो दशकों से ग्रामीणों ने रोशनी नहीं देखी है. इन वर्षों के दौरान ग्रामीण यहां एक बल्व जलाने को तरस रहे हैं.
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विकास कार्य की खुली पोल: पन्ना जिले के ग्राम पंचायत पड़वार अंतर्गत टिकरिया गांव में आदिवासियों का बस्ती है. यहां लगभग 200 घर आदिवासियों के हैं, जहां दो दशकों से बिजली जैसी मूलभूत सुविधा अबतक ग्रामीणों को नहीं मिली है. लोगों को अपनी जरूरतों के लिए दूसरे गांव जाना पड़ता है. मध्य प्रदेश सरकार द्वारा विद्युत विभाग को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि बिजली मध्य प्रदेश के कोने-कोने तक पहुंचे. ताकि कोई भी व्यक्ति अंधेरे में अपनी जिंदगी व्यतीत न करें. इसके बावजूद इस गांव में अंधेरा छाया है.