पन्ना।सरकार के अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के अलावा ओबीसी छात्रों को पढ़ाई करने के लिए भी विशेष सुविधाएं करवाने का दम भरती है, लेकिन यह सभी सुविधाएं कागजों तक ही सीमित दिखाई दे रही हैं. पन्ना जिला मुख्यालय से महज एक किलोमीटर दूर पुराना पन्ना में स्थित प्री मैट्रिक छात्रावास बदहाली के दौर से गुजर रहा है. अव्यवस्थाओं का आलम ये है कि इस छात्रावास में बच्चों को पीने का पानी भी नहीं मिल पा रहा है.
बदहाली का शिकार ओबीसी प्री मैट्रिक छात्रावास, बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे छात्र - पन्ना न्यूज
पन्ना जिला मुख्यालय से महज एक किलोमीटर दूर पुराना पन्ना में स्थित प्री मैट्रिक छात्रावास इन दिनों बदहाली से जूझ रहा है, यहां रहने वाले छात्र पीने के पानी के लिए भी तरस रहे हैं.
महीने में एक बार टैंकर से पानी भिजवाया जाता है, जिसे छात्र या तो पीने के लिए उपयोग कर लें, या फिर नहाने और कपड़े धोने के लिए. छात्रों ने बताया कि पानी न मिलने से शौच के लिए भी बाहर जाना पड़ता है. इस पूरे मामले पर पन्ना कलेक्टर कर्मवीर शर्मा से तुरंत एक्शन लेते हुए एसडीएम को मौके पर जाकर निरीक्षण करने की बात कही है.
कुछ दिन पहले ही ठंड के कारण छात्रावास के पीछे कुछ मवेशियों की मौत हो गई थी, लेकिन प्रशासन को सूचना देने के बाद भी उन्हें नहीं हटाया गया, जिसकी वजह से छात्रों को काफी परेशानिओं का सामना करना पड़ा. यहां बना बोरवेल बोरबेल सालों से खराब पड़ा है, जिस कारण छात्रों को बूंद-बूंद पानी के लिए भी तरसना पड़ रहा है. छात्रावास की पाईप लाइन और टंकिया टूट कर कबाड़ में तब्दील हो चुकी हैं.