पन्ना। पन्ना जिले की कई ग्राम पंचायतों में अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है. इन मामलों में अधिकारियों की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही हैं. कर्मचारियों की बेफिक्री का आलम यह है कि बगैर काम किए ही लाखों रुपए फर्जी तरीके से निकाले जा रहे हैं. यहां तक की कई ग्राम पंचायतों में फर्जी फर्मों के नाम से बिल लगाकर सरकारी राशि का गोलमाल किया गया. अधिकांश मामलों की जानकारी अधिकारियों को होने के बावजूद कोई कार्रवाई न होना भ्रष्टाचार को एक गोरखधंधे का रूप दे रहा है. ऐसा ही मामला ग्राम पंचायत बखतरी में देखने को मिल रहा है. जहां पर अनपढ़ गरीब आदिवासी का सरपंच के सीधे साधे होने का फायदा उठाकर वहां पर पदस्थ सचिव गणेश कुशवाहा द्वारा व्यापक रूप से भ्रष्टाचार किया जा रहा है.
सचिव पर पैसे गबन करने का आरोप
ग्राम पंचायत में बन रहे प्रधानमंत्री आवास योजना में भी जमकर पैसा लेकर योजना का लाभ देने की शिकायतें कई बार की जा चुकी हैं. इतना ही नहीं आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा मिली पुरस्कार की राशि को सचिव ने उस राशि को बिना कार्य कराए ही हजम कर लिया. जिसकी शिकायत ग्राम के निवासी केपी सिंह बुंदेला ने भी कई बार की, लेकिन आज तक दबंग सचिव के ऊपर कोई भी कार्रवाई नहीं हो सकी. उसी प्रकार पुलिया निर्माण में नाममात्र सीमेंट गिट्टी उपयोग कर लाखों रुपये डकार लिए गए. ग्रामीणों ने सचिव पर आरोप लगाते हुए कहा कि साहब कई सालों से जमे सचिव द्वारा ग्राम पंचायत में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है. खखरी बंधन में भी वन विभाग का घटिया पत्थर उपयोग कर खखरी बांधने का कार्य चल रहा है. बख्तरी से मढिया मार्ग में भी बिना काम कराए राशि का आहरण कर लिया गया.
अधिकारी बन रहे मूक दर्शक
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाते हुए कहा कि बखतरी पंचायत की राशि को अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए बराछ हल्के में खर्च की जा रही हैं. जिससे ग्राम का विकास रूका हुआ है. ग्राम की बदबू मार रही सड़कें व नालियां भ्रष्टाचार की पोल खोल रही है. ग्रामीणों की शिकायतों के बावजूद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. अगर ग्राम पंचायत बख्तरी में हुए विकास कार्यों की निष्पक्ष जांच करा ली जाए. तो बहुत बड़ा भ्रष्टाचार सामने आ सकता है.