पन्ना। जिले के ककरहटी नगरपरिषद में अधिकारियों की लापरवाही के चलते लगभग 50 गरीब परिवारों को खाद्यान्न वितरण प्रणाली से वंचित रखा गया. दरअसल इन लोगों के पास राशनकार्ड होने के बावजूद अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही से उनका नाम गरीबी रेखा की सूची से हटा दिया गया, जिसके कारण पिछले चार माह से पीडीएफ के माध्यम से वितरित होने वाला राशन इन्हें नहीं मिला.
अच्छे दिन की जगह गरीब भीख मांगने को मजबूर ! - Poverty line list
बुंदेलखंड का सबसे पिछड़ा जिला पन्ना में अधिकारी और कर्मचारियों की लापरवाही से गरीबों को सरकार द्वारा मिली योजनाओं से वंचित होना पड़ा. ताजा मामला जिले की ककरहटी नगरपरिषद से सामने आया है, जहां पर अधिकारियों की लापरवाही के चलते लगभग 50 गरीब परिवारों के नाम गरीबी रेखा से हटा दिए गए.
![अच्छे दिन की जगह गरीब भीख मांगने को मजबूर ! Names cut off from the list of poverty line](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-10369034-1016-10369034-1611553481196.jpg)
बता दें कि इन गरीबी रेखा से बाहर किए गए परिवारों में से कुछ ऐसे भी लोग हैं जो सिर्फ सरकार द्वारा दिए गए राशन पर निर्भर हैं. राशन न मिलने से परेशान होने के बाद गरीब महिलाओं के साथ गांव के कुछ लोग और गुन्नौर विधानसभा के कांग्रेस पार्टी के विधायक शिवदयाल बागरी मिलकर गरीबी रेखा कार्ड में फिर से अपना नाम जुड़वाने के लिए जिला कलेक्टर के पास पहुंचे. लेकिन वहां से भी उन्हें सिर्फ आश्वासन से ही संतुष्ट होकर वापस लौटना पड़ा.
जिसके बाद विधायक और मौजूद लोगों ने कलेक्टर को चेतावनी दी है कि अगर इनके नाम राशन कार्ड में वापस नहीं जोड़ा गया, तो फिर गरीबों के हक के लिए वह धरना प्रदर्शन करेंगे.