पन्ना। मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा त्यौहार ईद जिसके अपने एक मायने है, ऐसा कहा जाता है कि इसी माह रमजान में मुसलमानों 30 दिनों तक रोजे रहते हैं और नमाजें अदा करते हैं. ईद न केवल लोगों के बीच चैन और अमन, शांति की मिसाल पेश करता है. व्यापारी और दुकानदारों को भी इस ईद का बेसबरी से इंतजार रहता है. क्योंकि ईद पर मुस्मिल समुदाय पर जमकर खरीददारी करते हैं. लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन के कारण लोगों की ईद सादगी भरी और व्यापारियों के लिए काफी नुकसान वाली रही.
लोगों ने घरों में सादगी से मनाई ईद, सूना पड़ा रहा बाजार
पन्ना जिले में व्यापारियों ने इस बार की ईद को लेकर काफी तैयारियों महीनों पहले से ही कर ली थी, लाखों रुपए के माल का स्टाक भी कर लिया था, लेकिन कोरोना महामारी और फिर उसे रोकने के लिए लगा लॉकडाउन सारी उम्मीदों पर पानी फेर गया.
इस बार ईद में बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा और ज्यादातर लोगों ने ईद की खरीददारी न कर गरीबों की मदद की और ज्यादा से ज्यादा फितरा और जकात निकालकर ईद मनाई, जिस वजह से कपड़ा व्यपारियों और फुटवेयर विक्रेताओं को काफी नुकसान हुआ, क्योंकि ईद के चलते व्यापारियों ने पहले से ही काफी स्टॉक रख लिया था जो न के बराबर बिका. रमजान शुरू होते ही खजूर का व्यापार तेजी से शुरू हो जाता है, क्योंकि सुबह होने वाली सेहरी और शाम को होने वाली इफ्तारी में रोजेदार खजूर से ही करते हैं, लेकिन इस बार खजूर के व्यापारियों को भी घाटा लगा है.
ईद के दिन शीर खुरमा (सेवई) का बहुत महत्व है, सभी सेवई खाकर और रिश्तेदारों को खिलाकर ईद की खुशियां मनाते हैं. लेकिन लॉकडाउन की वजह से बाजार में सेवई की कमी देखी गई और लोगों ने घरों में तैयार की हुई सेवई ही खाई. वहीं अलग-अलग मस्जिदों की कमेटियों ने गरीबों की फितरा और जकात निकाल कर खाने-पीने सहित अन्य सुविधाएं दी, इसी वजह से ज्यादातर लोगों ने नए कपड़े नहीं लिए. नमाज में सभी ने देश में अमन चैन की दुआ मांगी और देश से जल्द से जल्द कोरोना वायरस खत्म हो जाये ऐसी प्रार्थना की.