पन्ना। जिले में कुपोषण को मिटाने के लिए लगातार जिला प्रशासन तरह-तरह के कोशिशें कर रही हैं. जिले में लगातार कुपोषण के मामले सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने कुपोषित बच्चों को गोद लेने की पहल की थी. जिसके अंतर्गत समाजसेवियों, नेताओं और आम लोगों ने कुपोषित बच्चों को गोद लिया था, लेकिन अब कुपोषण का मामला लोक अदालत में पहुंच गया हैं.
योजनाओं का नहीं हो रहा क्रियान्वयन
अधिवक्ता और समाजसेवी राजेश दीक्षित ने कुपोषण का मामला लोक अदालत में पेश किया है. उनका कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार गरीबी और कुपोषण को हटाने के लिए लंबे समय से कई योजनाएं चला रही है. इसके बावजूद जिले में लगभग तीन हजार अति कुपोषित बच्चे रेड जोन में हैं. इसके साथ ही 16 हजार 320 बच्चे यलो जोन में है जिसका कारण जिले में सरकार द्वारा जीरो से 18 वर्ष तक के बालक-बालिकाओं, नाबालिग बच्चों, किशोरी, गर्भवती और धात्री महिलाओं के संबंध में चलाई जा रही योजनाओं का क्रियान्वयन सुचारू रूप से ना होना है.