मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

पन्ना में मंडराया टिड्डी दल का खतरा, कृषि विभाग ने किसानों को किया अलर्ट

टिड्डी दल का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. अब पन्ना में भी ये खतरा मंडराता हुआ नजर आ रहा है, जिसको लेकर कृषि वैज्ञानिक द्वारा कई प्रकार के सुझाव दिए गए हैं, ताकि फसलों को नुकसान होने से बचाया जा सके.

locust group can attacked
टिड्डी दल का खतरा

By

Published : May 27, 2020, 8:13 AM IST

पन्ना। मध्य प्रदेश के कई जिलों में टिड्डी दल ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है. अब इसकी सतर्कता जिले में भी देखने को मिल रही है. करीब 5 किलोमीटर की रेडियस में उड़ता हुआ टिड्डी दल जनकपुर पार करते हुए आगे की ओर बढ़ रहा है, ये टिड्डी दल किसानों की फसलों को खासा नुकसान पहुंचा सकता है, जिस तरीके से यह दल गुजर रहा है, किसानों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. कृषि विभाग के अधिकारियों ने टिड्डी दल को भगाने के लिए ध्वनि यंत्र सहित दवा के छिड़काव का सुझाव दिया है.

पन्ना में मंडराया टिड्डी दल का खतरा

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर केरार ने बताया कि, बहुत लम्बी-लम्बी दूरियों तक टिड्डी दल उड़ान भरता है. यह फसल को चबाकर और काटकर पूरी तरह से नुकसान पहुंचाता है. यह उद्यानिकी फसलों, पेड़ों को बहुत बड़े स्वरूप में एक साथ हानि पहुंचा सकता है. उन्होंने बताया कि, टिड्डी दल का प्रकोप होता है, तो इसके नियंत्रण के लिए किसान दो प्रकार के साधन अपना सकता है.

भौतिक साधन के तहत किसान टोली बनाकर विभिन्न प्रकार के उपाय जैसे शोर मचाकर, ध्वनि यंत्रों को बजाकर, टिड्डी दल को भगाया जा सकता है. इसके लिए ढोलक, ट्रैक्टर, मोटरसाइकिल का साइलेंसर, खाली टीन के डिब्बे, थाली से सामूहिक प्रयास कर ध्वनि की जा सकती है. ऐसा करने से टिड्डी दल फसलों पर नहीं आकर आगे की ओर रवाना होंगे.

इसी प्रकार रासायनिक नियंत्रण में सुबह से कीटनाशक दवा ट्रैक्टर चलित स्प्रे पम्प, पावर स्प्रेयर जैसे क्लोरोपायरीफॉस 20 ईसी. 1200 मिली. या फिर डेल्टामेथरिन 2.8 ईसी. 600 मिली., लेम्डाईलोथिन 5 ईसी. 400 मिली., डाईफ्ल्यूबिनज्यूराॉन 25 डब्ल्यू टी. 240 ग्राम प्रति हेक्टेयर 600 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें. वर्तमान में टिड्डी दल ग्वालियर संभाग तक पहुंच गया है, जो कि हवा की गति अनुसार चल रहा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details