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'सरकार' को बीता एक साल, अन्नदाता आज भी 'बेहाल' - Former Agriculture Minister Brijendra Pratap Singh

साल 2018 में प्रदेश की राजनीति में बड़ा बदलाव हुआ, 15 साल से सत्ता पर काबिज बीजेपी सत्ता से बाहर हो गई और कांग्रेस की तरफ से कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और किसानों के कर्ज की बात भी कही.

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'सरकार' को बीता एक साल, अन्नदाता आज भी 'बेहाल'

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Published : Dec 26, 2019, 1:49 PM IST

Updated : Dec 26, 2019, 2:05 PM IST

पन्ना। आपको 2018 का मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव तो याद ही होगा जहां सियासी समर में 15 साल से सत्ता पर काबिज बीजेपी और 15 साल से वनवास झेल रही कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर थी. दोनों ही प्रमुख दलों ने जनता को लुभाने के लिए अपने पिटारे से ढ़ेरों योजनाएं निकाली. जिसमें राहुल गांधी ने मंदसौर में जिले की पिपलिया मण्डी में किसानों को संबोधित करते हुए कहा था कि यदि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है तो किसानों का कर्ज महज 10 दिनों में माफ किया जाएगा. लेकिन कमलनाथ सरकार को एक साल बीत गया है लेकिन किसानों का कर्ज आज भी माफ नहीं हुआ है, सरकारें किसानों से वादा करके तो प्रदेश की सत्ता पर काबिज होती है पर सत्ता मिलने के बाद उनको भूल जाते हैं.

कितने दावे कितनी हकीकत, कमलनाथ का एक साल किसान की जुबानी

आईए जानते हैं कि मुख्यमंत्री कमलनाथ की नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले एक साल में कितने किसानों का कर्जा माफ किया और कितनों का नहीं.

पन्ना की अलीगढ़ तहसील के किसान सोनू ने बताया कि कांग्रेस की सरकार ने किसानों की मुश्किलों पर मरहम का काम किया है. उन्होंने बताया कि इस सरकार में बिजली का बिल कम आता है और साथ ही उनका कर्जा भी माफ हो गया है. जब किसान से पूछा गया कि उन्हें कौन सी सरकार अच्छी लगी तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार अच्छी है. क्योंकि इस सरकार के मुकाबले बीजेपी की सरकार में बिजली का बिल अधिक आता था जिससे उन्हें बहुत से परेशानियों का सामना करना पड़ता था.

कांग्रेस नेता मनीष शर्मा ने बताया कि मध्यप्रदेश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसानों का कर्जा माफ किया. इसका प्रमाण किसानों के खाते में आए पैसे हैं. उन्होंने बताया कि पहली किश्त आ चुकी है और दूसरी किश्त जनवरी में सभी किसानों के खातों में आ जाएगी. कांग्रेस नेता ने कहा कि किसानों के साथ साथ घरेलू लोगों को भी सस्ती बिजली उपलब्ध कराई गई.

इसके उलट पूर्व कृषि मंत्री और पन्ना विधायक बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने कांग्रेस के वचन पत्र पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कौन से वचन को पूरा किया है. बीजेपी विधायक ने राज्य सरकार को याद दिलाते हुए कहा कि राहुल गांधी ने कहा था कि 10 दिनों में यदि किसानों का 2 लाख का कर्जा माफ नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री बदल देंगे.उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि 10 दिन क्या? 10 महीने से ज्यादा का वक्त गुजर गया है इसके बाद भी किसानों का कर्जा माफ नहीं हुआ है.

जमीनी हकीकत कुछ भी हो लेकिन मध्यप्रदेश में आज भी किसानों को कर्ज माफी, अतिवृष्टि से बर्बाद हुई फसल के मुआवजे का इंतजार है. अब यह देखना होगा कि क्या वाकई सरकार किसानों का कर्ज शून्य कर सकेगी.

Last Updated : Dec 26, 2019, 2:05 PM IST

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