पन्ना। जिले में रंगों का पर्व बड़े ही अनोखे और निराले अंदाज में मनाया गया. होली पर सुप्रसिद्ध भगवान श्री जुगल किशोर जी मंदिर में नजारा देखते ही बनता है. इस दिन भगवान श्री जुगल किशोर जी सखी रुप धारण करते हैं, भगवान के यह अद्भुत रुप साल में एक बार होली के एक दिन बाद देखने को मिलता है, जिसमें भारी संख्या में दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं.
जुगल किशोर जी मंदिर में कायम है वर्षों पुरानी परंपरा, दर्शन के लिए दूर- दूर से पहुंचते हैं भक्त - 300 years old temple
पन्ना के सुप्रसिद्ध भगवान श्री जुगल किशोर जी मंदिर में होली पर्व के तीसरे दिन मनमोहक नजारा होता है. जब भगवान सखी रुप धारण कर के भक्तों को दर्शन देते हैं, दूर- दूर से भक्त भगवान का ये रूप देखने पहुंचते हैं.
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यह मंदिर 300 साल पुराना है, यहां पर भाई दूज की रात भगवान सखी के वेश नजर आते हैं. मंदिर के द्वार रात 12 ही खुलते हैं और सुबह 11 बजे बंद कर दिए जाते हैं. भगवान का यह रुप देखने के लिए दूर- दूर से भक्त आते हैं, नाचते हैं, गाते हैं. पुष्प और गुलाल से होली खेली जाती है. पन्ना शहर के सुप्रसिद्ध श्री जुगल किशोर जी मंदिर जीवंत हो उठता है, यहां होली का पर्व वृंदावन की तर्ज पर मनाया जाता है.
भगवान श्रीकृष्ण राधिका रुप धारण करके लहंगा- चुनरी पहनते हैं और अपने भक्तों को दर्शन देते हैं, ऐसा कहा जाता है कि, इसी दिन 16 हजार सखियों ने कृष्ण को पकड़ लिया था, जिसके बाद इसी वेश में उन्होंने दर्शन दिए थे.