पन्ना। शहर के धाम मोहल्ले में रहने वाले 'भइया शर्मा' गौ सेवक के नाम से जाने जाते हैं. जब उनके मन में गौ सेवा की अलख जगी, तो उन्होंने शहर में कबाड़ बीनने का काम शुरू कर दिया. ताकि रास्ते में भटकते आवारा मवेशियों का पेट भर सकें. तंगहाली में जीवन यापन करने वाले भइया शर्मा आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हैं, लिहाजा वे शहर की गली- गली में घूमकर कबाड़ बीनते हैं और इसी से उनका जीवन यापन होता है.
युवक ने गौ- सेवा को बनाया जीवन का लक्ष्य, कबाड़ बीनकर करते हैं जीवन यापन
पन्ना के भइया शर्मा को गौ सेवक के नाम से जाना जाता है. कबाड़ बीनकर जीवन यापन करने वाले भइया ने गौ-सेवा को ही अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया है.
जगह- जगह गरीबों के लिए पांच रूपये में मिलने वाले भोजन से भइया अपना पेट भर लेते हैं और बचे हुए पैसों को गायों की सेवा में लगा देते हैं.
भइया शर्मा ने बताया कि गाय की सेवा से उन्हें खुशी मिलती है. पिछले चार सालों वो लगातार यह काम कर रहे हैं. वो अपनी क्षमता के मुताबिक हमेशा गाय की सेवा करते हैं.
भइया ने कहा कि 'पिछले कुछ सालों से देश के कई अलग-अलग शहरों में 'गाय' पर बहुत राजनीति देखने को मिली है. गाय जिसे माता के रूप में पूजा जाता है, उस पर राजनेता अपने हितों के लिए सियासत करने से भी नहीं चूक रहे हैं'.