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घबराए किसान पहुंचे कलेक्टर के पास, बोले - 60 साल से रह रहे हैं कहीं छिन न जाए हमारी जमीन

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Published : Mar 9, 2022, 4:18 PM IST

अपनी समस्या को लेकर दर्जनभर से ज्यादा किसानों ने कलेक्टोरेट पहुंचकर फरियाद की. किसानों ने कलेक्टर को बताया कि उन्हें जमीन का स्थाई पट्टा दिया गया है. इसके बाद भी वन मंडल के नक्शे में इनके खेत वन विभाग की सीमा में आ रहे हैं. किसानों को डर है कि उन्हें जमीन से बेदखल न कर दिया जाए. (Farmers request said save our land)

Farmers meets collector
किसानों ने की फरियाद

पन्ना।जिले की देवेंद्रनगर तहसील अंतर्गत ग्राम सकरिया के करीब एक दर्जन से अधिक किसान अपनी फरियाद लेकर पन्ना कलेक्टर के पास पहुंचे. दरअसल, भू राजस्व के अंतर्गत 1961 से यह किसान अपनी जमीन पर काबिज हैं और उन्हें स्थाई पट्टा भी दिया गया है लेकिन उत्तर वन मंडल के नक्शे में इनके खेत वन विभाग की सीमा में आ रहे हैं. करीब 60 वर्षों से अधिक से खेती कर रहे यह किसान परेशान होकर अपनी व्यथा कलेक्टर को सुनाते रहे.

61 साल पहले जारी हुए थे पट्टे

देवेंद्र नगर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत भू राजस्व ग्राम साकरिया के एक दर्जन से जायदा किसानों को भू राजस्व विभाग द्वारा सन 1961 में खसरा नंबर 13 ,14 '15 मे जमीन को लेकर पट्टे जारी कर दिए गए थे. मालिकाना हक भी किसानों को दिया गया था. सभी किसानों के पास पट्टे भी मौजूद हैं. 61 वर्ष से उनका कब्जा भी उसी जमीन में चला आ रहा है.

फॉरेस्ट विभाग को भी यही जमीन आवंटित

फॉरेस्ट विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि सन 1957 में भू राजस्व विभाग द्वारा वृक्षारोपण को लेकर यह जमीन खसरा नंबर 13 14 15 वन विभाग को आवंटित की गई है. वन विभाग द्वारा उसी जमीन पर पौधरोपण का कार्य करवाने के लिए तैयारियां की जा रही है. ऐसे में किसान परेशान होकर दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं. उनका कहना है कि हमें जमीन दिलाई जाए, नहीं तो हमारे बच्चे भूखे मर जाएंगे.

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कलेक्टर बोले- जल्द करेंगे समस्या का समाधान

पन्ना कलेक्टर ने इस मामले पर जांच की बात कही है और कहा है कि राजस्व के कुछ खसरा नंबर में दिक्कतें हैं,जिन्हें दूर किया जाएगा. जल्द से जल्द किसानो की समस्याओं का समाधान किया जाएगा. हालांकि पूरे मामले में सवाल खड़ा हो जाता है की एक ही जमीन खसरा नंबर 13 14 15 को दो जगह अलग-अलग सन में क्यों आवंटित किया गया. कहीं ना कहीं राजस्व विभाग की गलती या भू राजस्व विभाग के नक्शे मैं त्रुटि होने के कारण किसानों को भटकना पड़ रहा है. (Farmers request said save our land)

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