पन्ना। स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार लाखों- करोड़ों रुपये खर्च कर रही हैं. लेकिन लापरवाह सरकारी डॉक्टर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे. ताजा मामला जिले के अमानगंज से सामने आया है. जहां के सरकारी अस्पताल में पदस्थ्य डॉक्टर ने अपने शासकीय आवास को निजी अस्पताल में तब्दील कर दिया है.
सरकारी डॉक्टर की मनमानी, शासकीय आवास को बनाया निजी अस्पताल - सरकारी डॉक्टर की मनमानी
शासकीय अस्पतालों की सूरत और व्यवस्था में सुधार लाने के लिए कई तरह के बदलाव किए गए हैं. लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही. अमानगंज के सरकारी अस्पताल में पदस्थ्य एक डॉक्टर ने सरकारी आवाज को निजी अस्तपताल बना लिया है.
हालात ये हैं कि मरीजों को डॉक्टर के सरकारी आवास पर जाकर इलाज कराना पड़ता है. ऐसी स्थिति इसलिए बनी क्योंकि डॉक्टर एमके गुप्ता मनमर्जी से अस्पाताल आते-जाते हैं. नियमों से उन्हें कोई मतलब नहीं. हालात यहां तक हैं कि डॉक्टर गुप्ता ने सरकारी आवास को ही अस्पताल बना लिया. वे मरीजों का वहीं इलाज करते हैं.
जिस वक्त डॉक्टर एमके गुप्ता मरीजों का अपने आवास पर इलाज करते हैं, वो अस्पताल का टाइम होता है. मामले में अमानगंज तहसीलदार ने कार्रवाई करते हुए डॉक्टर के खिलाफ एक पंचनामा बनाकर कलेक्टर को भेजा है.