पन्ना। प्रशासन द्वारा दिव्यांगों के लिए तमाम योजनाएं शुरु की जा रही है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बात बया कर रही है. जिला चिकित्सालय में एक वृद्ध ऐसा भी है जो पिछले 8 सालों से रेंग-रेंग कर जिंदगी जीने को मजबूर है. उसे ना तो किसी भी योजना का लाभ मिल रहा है और ना ही कोई उसकी मदद के लिए हाथ आगे बड़ा रहा है.
80 साल के दिव्यांग बुजुर्ग तक नहीं पहुंची सरकारी योजनाएं, बदहाली में जीने को है मजबूर - government
शासन द्वारा दिव्यांगों के लिए तमाम योजनाएं शुरु की जा रही है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बात बया कर रही है.
शासन की योजनाओं की पोल खोलती ये तस्वीर पन्ना जिला चिकित्सालय की है, जहां लगभग 80 वर्षीय का एक वृद्ध मदद का इंजार कर रहा है. वह दो वक्त की रोटी के लिए अस्पताल के मरीजों पर निर्भर है. इतना ही नहीं कई बार मदद की गुहार लगाने के बाद भी उसे अनदेखा कर दिया गया.
जिला चिकित्सालय में सरमन नाम के वृद्ध का कोई डॉक्टर उपचार नहीं करता हैं. यहीं नहीं, सरमन का विकलांग सर्टिफिकित नहीं बन पाने की वजह से उसे काफी समस्या हो रही है. लोगों का कहना है कि सरमन की हालत खराब है. अधिकारी उसके पास से रोज निकलते है. लेकिन किसी की नजर सरमन पर नहीं जाती, तो कई जान कर भी अनजान बने रहते हैं.