पन्ना। जिला एवं सत्र न्यायालय ने भ्रष्टाचार के मामले में फैसला सुनाते हुए पुलिस आरक्षक राजेन्द्र गर्ग को 4 साल का सश्रम कारावास और 5 हजार रूपये का जुर्माना लगाया है. मामला 2015 का है. जिसमें सागर लोकायुक्त ने आरक्षक को 800 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. फरियादी कृपाल कुशवाहा पुलिस आरक्षक के खिलाफ लोकायुक्त एसपी ऑफिस में शिकायत की गई थी.
पुलिस आरक्षक ने ली 800 रुपए की रिश्वत, कोर्ट ने सुनाई 4 साल की सजा - जिला एवं सत्र न्यायालय
पन्ना के जिला एवं सत्र न्यायालय ने पुलिस आरक्षक राजेंद्र गर्ग को रिश्नत लेने के मामले में दोषी पाया और आरोपी को 4 साल का सश्रम कारावास समेत 5 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया है.
बता दें कृपाल कुशवाहा के खिलाफ अमानगंज थाने में एक मामला थाना दर्ज था. जिसमें धाराएं जमानती थीं. लेकिन न्यायालय में चालान पेश करने के एवज में अमानगंज थाना में पदस्थ आरक्षक राजेन्द्र गर्ग ने 4 हजार रुपए की मांग की थी. जब फरियादी ने कहा कि वो इतने पैसे नहीं दे सकता, तो मामला 800 रुपये में सेटल हो गया. आरोपी को लोकायुक्त ने ट्रैप कर रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया.
जिला लोक अभियोजन अधिकारी प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि न्यायालय ने आरोपी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी पाया है. जिसके चलते सजा सुनाई गई है.