पन्ना| शासन के द्वारा लाखों- करोड़ों रूपए खर्च करके विद्यालय में आने वाले बच्चों को पोषण आहार और अच्छा भोजन देने के उद्देश्य से मध्यान भोजन योजना शुरूआत की गई थी, लेकिन लापरवाही की वजह से बच्चों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है. ग्रामीण अंचल के कई स्कूलों में बनने वाले मध्यान भोजन का स्तर बेहद घटिया और दूषित है.
मिड- डे मील में बच्चों को दिया जा रहा है दूषित भोजन, बीमार होने का मंडरा रहा है खतरा
बारिश का मौसम चल रहा है और मध्यान भोजन बनाने वाले समूह के द्वारा सफाई का ध्यान न रखते हुए खाना बनाया जा रहा है. बच्चों को ऐसा खाना खाने से संक्रमण की बीमारियां होने का खतरा बढ़ गया है.
बारिश का मौसम चल रहा है और मध्यान भोजन बनाने वाले समूह के द्वारा सफाई का ध्यान न रखते हुए खाना बनाया जा रहा है. जिस कारण से मक्खियां खाने में बैठ कर उसे दूषित कर रही हैं और बच्चों को ऐसा खाना खाने से संक्रमण की बीमारियां होने का खतरा बढ़ गया है.
जिम्मेदार अधिकारी अपने एसी चेम्बरों में बैठ कर योजनाओं की मॉनिटरिंग करते हैं, लेकिन उनके द्वारा मौके पर जा कर वास्तविक स्थिति देखी जाए तो शायद सच सामने आ जाए. कार्रवाई के नाम पर महज दिखावा किया जाता है और जांच की बात कह कर मामले को टालना अधिकारियों की पुरानी आदत बन गई है.