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राम लला के मंदिर को लेकर कांग्रेस ने किया हनुमान चालीसा का पाठ

पन्ना में कांग्रेस विधायक शिवदयाल ने सुंदरकांड का पाठ किया है. उन्होंने कहा कि राजीव गांधी ने 1985 में मंदिर निर्माण की शुरुआत की थी. उनके कारण राम मंदिर का सपना पूरा हो रहा है. ये खुशी का दिन है. हमने प्रदेश की खुशहाली, उन्नति, समृद्धि के लिए हनुमान जी का पूजन और पाठ किया है.

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Published : Aug 4, 2020, 9:35 PM IST

hanuman chalisa
हनुमान चालीसा का पाठ करते कांग्रेसी

पन्ना।जिले में मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर प्रदेश में अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के निर्माण की सफलता के लिए सुंदरकांड एवं हनुमान चालीसा के सामूहिक पाठ का आयोजन किया गया. इसके साथ ही खुशहाली एवं कोरोना से महामारी से देश को बचाने के लिए पूजा-पाठ कराया जा रहा है.

मंगलवार को कांग्रेस विधायक शिवदयाल बागरी के नेतृत्व में विधायक गुनौर के गृह ग्राम इटंवा, रैगढ़ के हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा व सुंदरकांड का आयोजन किया गया. जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओ सहित जिला, ब्लॉक, मंडल के कार्यकर्ता सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर एवं मास्क पहनकर मौजूद रहे. इस दौरान कोरोना से देश की रक्षा के लिए हनुमान जी से प्रार्थना की गई. अयोध्या में राम मंदिर की पहली नीव पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने रखी गई थी. जिसका सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर निर्माण का कार्य शुरू होने जा रहा है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी राम मंदिर निर्माण का श्रेय लेना चाहती है.

कांग्रेस विधायक शिवदयाल बागरी ने कहा कि 'आज खुशी का दिन है. हमने प्रदेश की खुशहाली, उन्नति, समृद्धि को लेकर, आज हनुमान जी का पूजन पाठ किया है. राम मंदिर निर्माण का स्वागत करते हैं. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी ने 1985 में इसकी शुरुआत की थी. 1989 में शिलान्यास किया था. राजीव गांधी के कारण ही राम मंदिर का सपना साकार हो रहा है. भारत की संस्कृति सभी को जोड़ने वाली है. यहां विभिन्न भाषाएं, विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं. यह हमारी पहचान है. उन्होंने कहा कि वे कुछ करते हैं, भाजपा के पेट में दर्द पता नहीं क्यों शुरू हो जाता है. क्या धर्म पर उनका पेटेंट है, उनका ठेका है. उन्होंने धर्म की एजेंसी ली हुई है क्या ?'

कांग्रेसियों ने कहा कि 'श्रेय लेना अलग बात है अगर श्रेय लेना है तो श्री राम के पथ पर चल कर लें. रामचंद्र ने अपने साथ बंदर, भालू को मिलाकर रावण की सेना से युद्ध किया और सबको समानता, एकता का पाठ पढ़ाया. राजपाट का मोह ना करते हुए पिता की आज्ञा का पालन करने के लिए 14 सालों का वनवास जाना स्वीकार किया. एक तुच्छ व्यक्ति के कहने पर उन्होंने माता सीता का त्याग किया अपने मर्यादाओं को ध्यान में रखते हुए राजपाट चलाया. जो कहा सो किया ऐसे प्रभु राम किसी एक के प्रभु नहीं हैं वह पूरे मानव जाति के भगवान हैं.'

बागरी ने कहा कि 'उन्होंने अपनी सरकार में गौशालाएं बनवाई हैं. राम वन गमन पथ के निर्माण की बाधाएं दूर की. महाकाल और ओमकारेश्वर मंदिर की विकास योजनाएं बनायी गयी हैं. वे धर्म का उपयोग राजनीति के लिए नहीं करते हैं. इसे इवेंट नहीं बनाते उन सभी की सोच धार्मिक हैं. लेकिन वे धर्म और राजनीति का गठजोड़ नहीं करते.'

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