पन्ना। देश में लाखों लोग कोरोना संक्रमण से जूझ रहे हैं. दिन-रात ड्यूटी कर लोगों की सेवा करने वाले डॉक्टर्स को कोरोना वॉरियर्स का दर्जा दिया गया है. संकट की इस घड़ी में कुछ डॉक्टर्स ऐसे भी हैं, जो लापरवाहियों से बाज नहीं आ रहे हैं. कई बार सुर्खियों में रहने वाला पन्ना जिला हॉस्पिटल एक बार फिर चर्चा में है. दरअसल मामला जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड का है, जहां डेढ़ साल के बच्चे को हार्निया की बीमारी के चलते हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था.
पन्ना : अस्पताल में डाॅक्टर नहीं मिले तो झाड़-फूंक कर करने लगे बच्चे का इलाज - बच्चो को नहीं मिला इलाज
पन्ना जिला अस्पताल में एक बच्चे को हार्निया की बीमारी के चलते भर्ती किया गया था. अस्पताल में सिविल सर्जन नहीं मिलने की वजह से उसका इलाज नहीं हो पाया और ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने बच्चे को दूसरे हॉस्पिटल रेफर कर दिया है. वहीं परिजनों ने हॉस्पिटल में ही झाड़-फूंक कर बच्चे का इलाज करवाया.

इस बीमारी का इलाज सिर्फ सर्जन डॉक्टर ही कर सकते हैं, जो सतना के रहने वाले हैं और रोज अप-डाउन करते हैं. डॉक्टर नही मिलने की वजह से बच्चे का इलाज अभी तक नही हो पाया है, जिससे बच्चे की हालत बिगड़ती जा रही है. ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने भी मरीज को रेफर कर दिया है, लेकिन परिजनों के पास इतने पैसे नही थे कि, वे बच्चे का उपचार बाहर करा सकें. परिजनों ने इलाज के लिए झाड़-फूंक का सहारा लिया और बच्चा वार्ड में ही देवी-देवताओं की पूजा कर झाड़-फूंक करना शुरू कर दिया.
अंध विश्वास का ये खेल नर्स और भर्ती हुए अन्य लोग कई घंटों तक देखते रहे. बच्चे के परिजन का कहना है कि जब डॉक्टर देखने नही आएंगे तो अब भगवान का ही सहारा लेना पड़ेगा. वहीं ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने कहा कि बच्चे का इलाज सिर्फ सर्जन डॉक्टर ही कर सकते थे, लेकिन उनके नही होने से बच्चे को रेफर करना पड़ा.