पन्ना। जिले में आदिवासी बहुल क्षेत्र में शिक्षा का हाल बेहाल है. जहां शिक्षकों की कमी का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है. ब्लॉक के अधिकांश स्कूल या तो शिक्षक विहीन हैं या फिर एकल शिक्षक से स्कूल चलाए जा रहे हैं. रहुनिया ग्राम पंचायत के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल में लगभग सौ बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन इन बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल में तीन शिक्षक पदस्थ हैं, जिनमें से एक महिला शिक्षक 15 दिन से ज्यादा स्कूल से गायब हैं. अब ऐसे में दो शिक्षकों के भरोसे ही पूरे स्कूल की जिम्मेदारी है.
आदिवासी बहुल क्षेत्र में सरकारी स्कूलों का बुरा हाल, नौनिहाल करते हैं शिक्षकों का इंतजार
पन्ना जिले के आदिवासी बहुल क्षेत्र में प्राथमिक स्कूलों में बच्चे शिक्षक के आने का इंतजार करते रहते हैं, ताकि उन्हें अच्छी शिक्षा मिल सके और उनका भविष्य सुधर सके, लेकिन ये स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है, जो शिक्षक हैं भी वो समय पर स्कूल नहीं पहुंचते हैं.
अब ऐसे में दो शिक्षकों के भरोसे प्राथमिक और माध्यमिक की जिम्मेदारी है. जिसमे एक शिक्षक पर प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी भी है, इसलिए उन्हें अधिकतर समय सरकारी कार्यों में भी देना पड़ता है. ऐसे में एक ही शिक्षक पर 8 कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी है.
वहीं अगर स्कूल की व्यवस्थाओं की बात की जाए, तो बद से बदत्तर है, स्कूल की बिल्डिंग की छत से बरसात के मौसम में पानी टपकता रहता है और बिना सुरक्षा के छोटे- छोटे बच्चे स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं. इतना ही नहीं स्कूल तक पहुंचने के लिए सुगम रास्ता तक नहीं है. नौनिहाल कच्ची,टूटी-फूटी सड़कों से गुजर अपना भविष्य सवारने जाते हैं, लेकिन कभी शासन और प्रशासन ने इन मासूमों की तकलीफ दूर करने की जहमत नहीं उठाई.