निवाड़ी। पिछले वर्ष कोविड-19 के कारण लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त रहा और अन्य महानगरों में मजदूरी कर रहे लोग अपना रोजगार छोड़कर घरों को भाग रहे थे. जिससे बेरोजगारी बढ़ रही थी. आय के कोई साधन समझ नहीं आ रहे थे, उसी समय निवाड़ी जिले की पावन नगरी ओरछा के ग्राम लाड़पुरा मैं मीरा कुशवाहा ने फूलों की खेती को आजीविका का साधन बनाया और अपने परिवार की परवरिश की.
फूलों की खेती से महिला के घर-आंगन में 'हरियाली' - आजीविका का सहारा
जिले की एक महिला फूलों की खेती कर परिवार का भरण पोषण कर रही है. महिला ने ग्रामीण आजीविका मिशन के जरिए खेती को अपना आजीविका का साधन बनाया.
स्व-सहायता समूह से महिलाओं को मिल रहा रोजगार
ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा फूलों की खेती कर मीरा कुशवाहा ने महिला सशक्तिकरण उदाहरण दिया. साथ ही अन्य महिलाओं को रोजगार की अन्य तरीके के लिए प्रेरित किया. बुंदेलखंड की अयोध्या कही जाने वाली पावन नगरी ओरछा में फूलों की बढ़ती मांग को देखकर गुलाब गुलेठिया सहित अन्य प्रजातियों के फूलों की पैदावार कर ओरछा और समीपस्थ झांसी जिले में बेचकर अपने परिवार का भरण पोषण का जरिया बनाया. आज इनका परिवार फूलों की खेती के साथ ही अन्य फसलों की खेती कर अपना जीवन यापन कर रहा है.