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Uma Bharti 64th Birthday: उमा भारती ने जन्मदिन पर ओरछा में राम राजा के दर्शन कर लिया आशीर्वाद - Uma Bharti visited Ramraja Sarkar

बीजेपी नेता उमा भारती अपना 64 वां जन्मदिवस मना रही हैं. इस मौके पर उन्होने रामराजा सरकार के दर्शन कर आशीर्वाद लिया. वह गिरिवरधारी हनुमान मंदिर में हनुमानअष्टक का पाठ किया. इससे पहले बीजेपी कार्यकर्ताओं और उनसे मिलने वालों की लंबी कतार लग गई.

Uma Bharti 64th Birthday
बीजेपी नेता उमा भारती का जन्मदिन

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Published : May 3, 2023, 7:53 PM IST

निवाड़ी।मध्यप्रदेश की पूर्व CM और BJP की फायर ब्रांड नेता उमा भारती किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का आज 64 वां जन्मदिन है. इस अवसर पर बीजेपी नेता उमा भारती निवाड़ी जिले के धार्मिक व पर्यटन नगरी ओरछा पहुंची. रामराजा सरकार के सामने मत्था टेका. वो गिरिवरधारी हनुमान मंदिर भी पहुंची और यहां चल रहे सुंदरकांड में राम नाम का जाप किया. पूर्व मुख्यमंत्री का जन्म एमपी के टीकमगढ़ जिले के डुंडा नामक स्थान पर 3 मई 1959 को हुआ था. श्री रामलला घर आएंगे मंदिर वहीं बनायेंगे नारा भी उमा भारती ने ही दिया था इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि रामजी में उनकी कितनी आस्था है.

उमा के जन्मदिवस पर बधाईयां देने का सिलसिला शुरू:रामराजा के साथ अपनी आस्था को लेकर ही उन्होने आज अपने जन्मदिन इस बेहद खास नगरी में मनाया. उमा भारती ओरछा पहुंची के बाद सीधे रामराजा सरकार के दर्शन व पूजन अर्चन करने पहुंची. इस दौरान उमा से मिलने वालों का तांता लगा रहा. बीजेपी नेता रामजी और हनुमानजी की भक्ति में लीन दिखाई दीं. रामलराजा सरकार के दर्शन के बाद वो गिरिवरधारी हनुमान मंदिर पर पहुंची और यहां चल रहे सुंदरकांड में राम नाम का जप किया. इसके बाद उमा भारती ने संकटमोचन हनुमानअष्टक का भी पाठ किया. उमा भारती के ओरछा आगमन को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं की भीड़ जमा हो गई. आम लोगों ने भी मिलकर उन्हे बधाईयां दीं.

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उमा भारती का बचपन से राजनीतिक तक का सफरनामा: उमा भारती की शिक्षा सिर्फ कक्षा 6 तक ही हुई थी. बचपन से असामान्य प्रतिभा की वो धनी थीं. उनके पिता का नाम गुलाब सिंह और माता का नाम बेटीबाई था. हालांकि वह डेढ़ साल की थीं, तो उनके पिता चल बसे. जिसके बाद उनका और उनके भाई-बहनों का पालन-पोषण उनकी मां ने किया. उमा बचपन से ही निडर और बेबाक थीं. जब वो कक्षा 6 में पढ़ रही थीं तभी एक अखिल भारतीय रामचरित मानस सम्मलेन में उन्होंने धाराप्रवाह स्पीच दी. ग्वालियर राजघराने की राजमाता विजयाराजे सिंधिया उमा भारती से काफी प्रभावित हुईं. जिसके बाद उमा राजमाता सिंधिया के सान्निध्य में रहने लगीं. इसी दौरान वो भाजपा की सदस्य बन गईं. 25 साल की उम्र में साल 1984 में उन्होंने अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ा. हालांकि इस चुनाव में उन्हें हार का सामना कर पड़ा था.

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