निवाड़ी। एक तरफ सारा देश आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) मना रहा है और सरकार द्वारा विकास के बड़े-बड़े दावे और वादे किए जा रहे हैं. लेकिन दूसरी तरफ हालात ये है कि कई ग्रामीण अंचल अभी भी विकास की आस देख रहे हैं. मध्य प्रदेश के नवगठित निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर विकासखंड की चिरपुरा ग्राम पंचायत के हाल ये हैं कि 75 साल बाद भी ग्रामीणों को एक अदद सड़क भी हासिल नहीं हुई है.
नहीं मिली एंबुलेंस ना वाहन: बरसात के मौसम में गांव टापू बन जाता है और अगर कोई व्यक्ति बीमार हो जाता है,तो उसको इलाज के लिए खाट पर लेकर जाना पड़ता है. ऐसा ही एक मामला पिछले दिनों सामने आया,जब गांव की एक बुजुर्ग महिला बीमार हो गई और इलाज के लिए ना तो एंबुलेंस मिली ना कोई दूसरा वाहन. तब पृथ्वीपुर के एसडीओपी को जानकारी मिलने पर उन्होंने बीमार बुजुर्ग महिला को अपने वाहन में लिफ्ट देकर इलाज के लिए भर्ती कराया.
ग्रमीणों को सड़क की दरकार:कीचड़ और दलदल भरी सड़क, खाट पर लेटी बुजुर्ग महिला और कंधे पर ले जाते लोग ये नजारा किसी पिछड़े अंचल का नहीं बल्कि नवगठित निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर विकासखंड के हसाई खिरक गांव का है. करीब एक सैकड़ा लोगों की आबादी के गांव को जोड़ने वाली सड़क का हाल हर बरसात में जलभराव होने के कारण दलदल की तरह हो जाता है. बरसात में किसी भी प्रकार के यातायात के साधनों का आवागमन असंभव हो जाता है. बारिश के समय गांव के लोगों सहित छोटे-छोटे स्कूली बच्चों को 3 से 4 फीट गहरे पानी से निकलना पड़ता है. जब कोई बीमार होता है, तो उसको भी चारपाई पर रखकर इसी रास्ते से ले जाना पड़ता हैं, क्योंकि जल भराव के कारण यहां एम्बुलेंस अथवा अन्य साधनों का पहुंच पाना असंभव हो जाता है.